धार्मिक उल्लास में डूब गई बौद्ध नगरी
Farrukhabad-kannauj News - संख्या में अनुयाइयों ने भागीदारी की। अपरान्ह धम्मपद पाठ और इसके बाद धम्म दीक्षा और धम्म देशना का अनुष्ठान हुआ। बौद्ध अनुयाइयों ने इन सभी अनुष्ठानो में

संकिसा, संवाददाता। बौद्ध नगरी एक बार फिर धार्मिक उल्लास में डूब गयी। मौका था बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव का । धम्मा लोको बुद्ध बिहार में जुटे अनुयाइयों ने महोत्सव में भागीदारी करते हुए विभिन्न अनुष्ठान में भाग लिया। बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव की शुरुआत बुद्ध वंदना और परित्राण पाठ से हुई। अनुयाइयों ने भागीदारी की। अपरान्ह धम्मपद पाठ और इसके बाद धम्म दीक्षा और धम्म देशना का अनुष्ठान हुआ। बौद्ध अनुयाइयों ने इन सभी अनुष्ठानो में अपनी भागीदारी की। संकिसा भिक्षु एसोसिएशन राजघाट के अध्यक्ष डॉ.भिक्षु धम्मपाल महाथेरो ने कहा कि यह त्रिविध पर्व दुनिया के कोने कोने में धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
शाक्य मुनि बुद्ध ने 35 वर्ष की अवस्था में ज्ञान प्राप्त करने के बाद 45 वर्षो तक अवध और मगध की धरती पर पैदल चल चलकर 84 हजार धम्म स्कंद, उपदेश दिये थे जिन्हें त्रिपटिक बुद्ध की पवित्र अमृतवाणी पाली भाषा में सुरक्षित रखा गया है। उन्होंने कहा कि बुत्र धम्म बहुत ही मंगलकारी है। देर शाम से कार्यक्रम स्थल में तथागत के नाम गीतों भरी शाम का आयोजन किया गया। डॉ.भिक्षु धम्मपाल महाथेरो ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम 12 मई को होगा। सुबह 10:30 बजे तक झांकियों के साथ शोभायात्रा और पवित्र स्तूप की पूजा वंदना होगी। इसके बाद धम्म देशना, कवि सम्मेलन और पुरस्कार वितरण किया जायेगा। कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक सुशील शाक्य ने किया।
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