किसानों को उनकी फसल की मिलेगी सटीक भविष्यवाणी, एआई मशीन बताएगी ग्रोथ और उपज
किसानों को उनकी फसल की सटीक भविष्यवाणी मिलेगी। किसानों को उनकी फसल की सटीक भविष्य वाणी आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस आधारित एक मशीन करके उन्हें बताएगी।
किसानों को उनकी फसल की सटीक भविष्य वाणी आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस आधारित एक मशीन करके उन्हें बताएगी। वैज्ञानिकों की एक टीम ने ऐसी एक मशीन को डिजाइन किया है। ‘एआई बेस्ड डिवाइस फॉर क्राप हेल्थ मॉनीटरिंग’ नाम की इस मशीन के डिजाइन को पेटेंट भी मिल गया है। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के एआई एक्सपर्ट प्रोफेसर विशाल मेहता समेत वैज्ञानिकों की टीम की महीनों की मेहनत रंग लाई है।
आम तौर पर किसान अपने व कृषि वैज्ञानिकों केअनुभव के आधार पर खेती करता है। पानी, खाद, रासायनिक खाद के कम या ज्यादा होने की स्थिति में नुकसान उठाना पड़ता है। कीड़े लगने पर केमिकल की मात्रा डालकर उसके परिणाम को खुद देखकर ही किसान अगली फसल पर उसका बेहतर इस्तेमाल कर पाता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। फसल की ग्रोथ, कीड़े आदि लगने की स्थिति को उसी समय देखकर ये मशीन विश्लेषण कर आगे के एक्शन की सटीक जानकारी किसान को दे देगा। इससे किसान समय पर फसल को काटने या रोकने का निर्णय लेकर बेहतर उपज पा सकेगा।
यह मशीन कैसे करेगी काम
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट आफ एग्रीकल्चरल स्टैटिस्टिक्स के प्रोफेसर व एआई एक्सपर्ट डा विशाल मेहता कहते हैं कि इस मशीन में लगे माइक्रोस्क्रोप से वर्तमान फसल के पार्ट को स्कैन कर लिया जाएगा। उसकी वर्तमान स्थिति के आधार पर एआई भविष्य की ग्रोथ का सटीक आकलन कर लेगी। इसके आधार पर किसान फसल काट सकेगा या फिर कृषि वैज्ञानिकों की मदद से कोई एक्शन ले सकेगा। मसलन उसमें खाद, पानी आदि की अतिरिक्त खुराक दे सकेगा। इस मशीन की डिजाइन को इंडिया पेटेंट डाट काम पर लिस्ट कर दिया गया है। अब इस डिजाइन पर कोई भी कंपनी इसके कमर्शियल उपयोग के लिए संबंधित टीम से संपर्क कर सकेगा। इसके बाद इस डिजाइन पर आधारित यह मशीन बाजार में आ जाएगी।
इन वैज्ञानिकों की टीम को मिली सफलता
देश के प्रमुख संस्थाओं के छह प्रोफेसरों की टीम को इस डिजाइन को विकसित करने का श्रेय जाता है। इस टीम में डॉ विशाल मेहता के साथ डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटेशनल इंटेलीजेंस सविता स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग थांडलम चेन्नई के डा सुवेश कुमार, लखनऊ के डिपार्टमेंट आफ अप्लाइड साइंस स्कूल आफ मैनेजमेंट सांइसेस के प्रमोद कुमार सिंह, आंध्र प्रदेश के वेंकेटाचलामया इंजीनियरिंग कालेज की डा कुशमा राजशेखर, पुणे के सिविल इंजीनिरिंग कालेज पिंपरी के डा घनश्याम चंद्रकांत,महाराष्ट्र के पाटिल कालेज के डा रवि प्रकाश , डीम्ड यूनिवर्सिटी निट्टे कनार्टक के डा प्रसंता कुमार व एसएनएस कालेज आफ इंजीनियरिंग कोयुम्बटूर के प्रोफेसर मनोहरण शामिल हैं।