Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Famous IAS Durga Shakti Nagpal also on target of Yogi government accused of negligence

चर्चित आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल भी योगी सरकार के निशाने पर आईं, यह लगा आरोप, नोटिस जारी

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की सरकार में टकराव के बाद चर्चा में आईं आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल अब योगी सरकार के निशाने पर आ गई हैं।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 14 Nov 2024 08:45 PM
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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की सरकार में टकराव के बाद चर्चा में आईं आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल अब योगी सरकार के निशाने पर आ गई हैं। योगी सरकार ने लखीमपुर खीरी जमीन पैमाइश मामले में की गई हीलाहवाली को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल और पूर्व जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। इन दोनों आईएएस अधिकारियों से पर्यवेक्षीय शिथिलता और लापरवाही को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। नियुक्ति विभाग ने दोनों आईएएस अधिकारियों से नोटिस भेज दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी में जमीन पैमाइश छह साल तक लटकाए रखने और घूस मांगने के मामले को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद नियुक्ति विभाग से पूरे मामले की जांच कराते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। नियुक्ति विभाग ने इसके आधार पर पूरी रिपोर्ट मांगी थी। इसमें प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए चार अधिकारियों एक आईएएस और तीन पीसीएस को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

दुर्गा शक्ति नागपाल और महेंद्र बहादुर सिंह से जवाब तलब

नियुक्ति विभाग ने अब इस मामले में लखीमपुर खीरी की मौजूदा डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल और पूर्व डीएम महेंद्र बहादुर सिंह से जवाब तलब किया है। महेंद्र बहादुर सिंह अक्तूबर 2021 से जून 2024 तक डीएम रहे और दुर्गा शक्ति नागपाल 25 जून 2024 से डीएम हैं। नियुक्ति विभाग ने इन दोनों अधिकारियों से पूछा है कि छह साल से लटके पैमाइश के मामले को इन्होंने समीक्षा के दौरान क्यों नहीं देखा?

मुख्यमंत्री का स्पष्ट आदेश है कि राजस्व के गैर-विवादित मामलों के लिए लोगों को दौड़ाया नहीं जाएगा। उनकी सुनवाई कराते हुए निस्तारण कराया जाएगा। जिलाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे हर माह इसकी स्वयं समीक्षा करेंगे और देखेंगे कि कोई मामला बिना वजह तो नहीं लटाया जा रहा है। सेवानिवृत्त शिक्षक विश्वेश्वर दयाल ने भाजपा विधायक योगेश वर्मा से मिलकर आरोप लगाया था कि वह छह साल से दौड़ रहे हैं, लेकिन उनकी जमीन की पैमाइश नहीं कराई जा रही है।

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