घर हड़पने को भतीजे की बनी फर्जी पत्नी, असल वाइफ और मां-बाप को करा दिया मृत घोषित
यूपी के वाराणसी नगर निगम में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। एक महिला घर हड़पने को भतीजे की फर्जी पत्नी बन गई। महिला ने असल वाइफ और मां-बाप को मृत घोषित करा दिया।
वाराणसी नगर निगम में नामांतरण में फर्जीवाड़े का एक रोचक मामला सामने आया है। डिठोरी महाल स्थित एक मकान हड़पने के लिए हुकुलगंज की महिला कथित भतीजे की फर्जी पत्नी बन गई। फिर उसकी असल पत्नी संग उसके मां-बाप को मृत घोषित करा दिया। सभी के जौनपुर नगर पालिका से फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाए।
वरुणापार जोन के कर्मचारियों और कर अधीक्षक ने आंखें मूंदकर सभी फर्जी दस्तावेजों को सही मान लिया और मकान पर जालसाज अपर्णा सिंह का नाम चढ़ा दिया। मकान के संयुक्त हिस्सेदारों में एक विनोद कुमार सिंह की शिकायत पर हुई जांच में जालसाजी उजागर हुई। इस पर नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने वरुणापार जोन के नायब मोहर्रिर कुंवर विक्रम सिंह को सस्पेंड कर दिया है। कर अधीक्षक मुन्नाराम को प्रतिकूल प्रविष्टि देते हुए वेतन पर रोक लगा दी है। साथ ही उनके निलंबन की शासन से संस्तुति की है। वहीं, कूटरचित अभिलेख प्रस्तुत करने पर अपर्णा सिंह पर एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है।
विनोद कुमार सिंह का डिठोरी महाल (अर्दली बाजार) में मकान है। इसमें उनके अलावा तीन भाई-प्रमोद कुमार सिंह, स्व.उदय सिंह और कृष्णा सिंह हिस्सेदार हैं। मकान पर चारों के नाम बतौर मालिक दर्ज हैं। अपर्णा सिंह ने खुद को प्रमोद सिंह के पुत्र मनीष की पत्नी बताकर 7 जनवरी 2024 को नामान्तरण के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। साथ के दस्तावेज पर अपर्णा के हस्ताक्षर भी नहीं थे। बावजूद इसके कर अधीक्षक और नायब मोहर्रिर ने नोटिस जारी तो किया पर भवन पर चस्पा नहीं किया। न ही दूसरे स्वामियों को उपलब्ध कराया गया।
जिंदा होने का प्रमाणपत्र
प्रार्थना पत्र में फर्जी तरीक से प्रमोद कुमार सिंह, उनकी पत्नी राजकुमारी सिंह और उनके पुत्र मनीष कुमार सिंह को मृत दिखाया गया जबकि ये सभी लोग जीवित हैं। मनीष कुमार सिंह एक नामी कम्पनी में एमडी के रूप में नौकरी कर रहे हैं। प्रमोद कुमार सिंह भारतीय स्टेट बैंक से रिटायर हुए हैं। सभी ने अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र दाखिल किया है।
जोनल ने की थी जांच
नगर आयुक्त ने जोनल अधिकारी (वरुणापार) को इस मामले की दोबारा जांच का आदेश दिया था। जांच अधिकारी ने रिपोर्ट दी कि अपर्णा सिंह ने जिस भवन पर दवा किया है, उस पर उदय सिंह, विनोद कुमार सिंह, कृष्णा सिंह, प्रमोद कुमार सिंह का नाम दर्ज है। जांच में पाया गया कि जौनपुर नगर पालिका से अपर्णा ने तीनों का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर प्रस्तुत किया था। अन्य अभिलेख भी फर्जी मिले।