मुंबई-जयपुर में तैयार होते थे नकली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट, पुलिस ने खोजा असली सरगना
- फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की जांच कर रही पुलिस ने असली सरगना के नाम को खोज लिया है। पुलिस ने बताया कि जयपुर और मुंबई से ही फर्जी नंबर प्लेट का धंधा पूरे देश में चलाया जा रहा है।
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फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की जांच कर रही गोरखपुर पुलिस को बरगलाने वाले संजय गर्ग के मोबाइल फोन की मदद से पुलिस ने असली सरगना का नाम खोज लिया है। जांच में पता चला है कि जयपुर का मूल निवासी एक युवक ही गिरोह का सरगना है और वह मुंबई में भी रहता है। जयपुर और मुंबई से ही फर्जी नंबर प्लेट का धंधा पूरे देश में चलाया जा रहा है।
सरगना को बचाने के लिए संजय गर्ग ने गलत नाम बताया था। संजय के बताए नाम, पते पर पुलिस गई, तो सच्चाई सामने आ गई। इसके बाद पुलिस ने आरोपित संजय के मोबाइल कॉल डिटेल और सर्विलांस की मदद से जांच को आगे बढ़ाया। खबर है कि सरगना की गिरफ्तारी के लिए अगले सप्ताह टीम मुंबई व जयपुर जाएगी। दरअसल, हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट तैयार करने वाली असली कंपनी की शिकायत के बाद ही यह मामला सामने आया। लखनऊ की रोसमेर्टा सेफ्टी सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को उत्तर प्रदेश में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने का ठेका मिला है। कंपनी के पास गोरखपुर से फर्जी नंबर प्लेट की शिकायत आ रही थी। कंपनी के रीजनल हेड मो. सारिक ने कोतवाली थाने में 31 जुलाई को केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने अलीनगर की एक दुकान पर छापा मारकर रसूलपुर निवासी एहसान अली को गिरफ्तार किया।
फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की जांच कर रही गोरखपुर पुलिस को बरगलाने वाले संजय गर्ग के मोबाइल फोन की मदद से पुलिस ने असली सरगना का नाम खोज लिया है। जांच में पता चला है कि जयपुर का मूल निवासी एक युवक ही गिरोह का सरगना है और वह मुंबई में भी रहता है। जयपुर और मुंबई से ही फर्जी नंबर प्लेट का धंधा पूरे देश में चलाया जा रहा है।
सरगना को बचाने के लिए संजय गर्ग ने गलत नाम बताया था। संजय के बताए नाम, पते पर पुलिस गई, तो सच्चाई सामने आ गई। इसके बाद पुलिस ने आरोपित संजय के मोबाइल कॉल डिटेल और सर्विलांस की मदद से जांच को आगे बढ़ाया। खबर है कि सरगना की गिरफ्तारी के लिए अगले सप्ताह टीम मुंबई व जयपुर जाएगी। दरअसल, हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट तैयार करने वाली असली कंपनी की शिकायत के बाद ही यह मामला सामने आया। लखनऊ की रोसमेर्टा सेफ्टी सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को उत्तर प्रदेश में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने का ठेका मिला है। कंपनी के पास गोरखपुर से फर्जी नंबर प्लेट की शिकायत आ रही थी। कंपनी के रीजनल हेड मो. सारिक ने कोतवाली थाने में 31 जुलाई को केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने अलीनगर की एक दुकान पर छापा मारकर रसूलपुर निवासी एहसान अली को गिरफ्तार किया।
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एहसान ने पुलिस को बताया था कि जयपुर के व्यक्ति के पास गाड़ी का नंबर व्हाट्सएप करने पर वह कूरियर के माध्यम से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट तैयार कर भेजता था। इसके बाद 27 अक्तूबर को पुलिस ने जयपुर के शांतिनगर मोहल्ले के रहने वाले संजय गर्ग को गिरफ्तार किया। 48 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर पुलिस उसे लेकर गोरखपुर आई। पूछताछ में संजय ने देश के 10 राज्यों हरियाणा, मुंबई, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, नगालैंड, पंजाब और उत्तराखंड में फैले नेटवर्क के बारे में बताया था। लेकिन, सरगना के बारे में पुलिस को गलत जानकारी दी। पूछताछ के बाद पुलिस जब सरगना को पकड़ने उसके मुंबई और जयपुर के ठिकानों पर पहुंची, तब पता चला कि वहां तो कोई ऐसा व्यक्ति रहता ही नहीं है। पुलिस ने पूरी तस्दीक कर ली है कि वह कौन युवक है, जिसकी मदद से पूरे देश में अवैध धंधा फैला हुआ है।
गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि फर्जी नंबर प्लेट के अवैध धंधे के सरगना के बारे में पुलिस को जानकारी मिल गई है। उसके गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं, जो जानकारी जुटा रही हैं। जल्द ही दो टीमें अलग-अलग जयपुर व मुंबई जाएगी। सरगना के गिरफ्तारी के बाद जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सरगना की गिरफ्तारी से खुलेंगे कई के नाम
पुलिस का मानना है कि सरगना की गिरफ्तारी के बाद यह भी साफ हो जाएगा कि किस जिले में कौन सा शख्स इस धंधे से जुड़ा है और इस धंधे को कैसे संचालित किया जा रहा है। नंबर प्लेट कैसे तैयार किया जाता है आदि जानकारियां भी मिल जाएंगी।