Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़अयोध्याRam in Divya Dham Panchdev ritual also included in the ongoing rituals along with temple construction

दिव्य धाम में राम: मंदिर निर्माण के साथ चल रहे अनुष्ठान में पंचदेव अनुष्ठान भी शामिल

अयोध्या। संवाददाता श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के गठन के बाद राम मंदिर निर्माण...

Newswrap हिन्दुस्तान, फैजाबादMon, 26 Feb 2024 11:40 PM
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अयोध्या। संवाददाता

श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के गठन के बाद राम मंदिर निर्माण कार्य को निर्विघ्न पूर्ण कराने के लिए चैत्र नवरात्र, 2020 से शुरू हुआ चरणबद्ध अनुष्ठान अब तक अनवरत चलता आ रहा है। इस अनुष्ठान में पंचदेव को भी शामिल कर लिया गया है और सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग तिथियों के स्वामी के पूजन के साथ भगवान राम की कृपा का अनुष्ठान चल रहा है। इस अनुष्ठान में हर दिन के अलग-अलग यजमान तय होते हैं और इच्छुक श्रद्धालुओं को भी पूजन का अवसर मिल रहा है।

यह अनुष्ठान श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से नियुक्त वैदिक आचार्य गण ही कराते हैं। खास बात है कि इस अनुष्ठान के लिए किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं निर्धारित किया गया है। यजमान स्वेच्छा से पूजन सामग्री धूप, दीप, नैवेद्य व द्रव्यादि चढ़ा सकते हैं लेकिन कोई बाध्यता नहीं है। तीर्थ क्षेत्र की ओर से चल रहे अनुष्ठान का पहला चरण राम मंदिर के निर्विघ्न निर्माण के लिए किया गया था। दूसरे चरण में देश के हर राज्य के वैदिक आचार्यों ने यहां आकर अलग-अलग परम्परा में भी अनुष्ठान किया। यह अनुष्ठान यहां 22 नवम्बर 2022 से 22 फरवरी 2023 तक चला। पुनः तीसरे चरण का अनुष्ठान 14 जनवरी 2024 तक चलता रहा।

इस बीच पितृपक्ष में हुतात्माओं की शांति के लिए अलग से अनुष्ठान किया गया। कांची शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती महाराज के निर्देशन में रामलला के दर्शन मार्ग पर निर्मित शेड में श्रीराम चरित मानस का नवाह्न पारायण शुरू किया गया। इस नवाह्न पारायण में स्वयं श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय एवं मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव रत्नम के अलावा 51 वैदिक ब्राह्मण भी सम्मिलित हुए। इसी क्रम में श्रीमद वाल्मीकीय रामायण का भी पारायण 11 वैदिक विद्वानों की ओर से शुरू किया गया। इस नवाह्न पारायण की पूर्णाहुति 11 अक्तूबर 2023 को हुई। वहीं 12 अक्तूबर को विष्णु सहस्रनाम का पारायण किया जाएगा। पुनः 13 अक्तूबर को चतुर्दशी के पर्व पर नारायण बलि के उपरांत हवन पूजन से अनुष्ठान की पूर्णाहुति की गयी और मध्याह्न में श्राद्ध कर्म व भण्डारे का आयोजन किया गया। तदुपरांत सायं राम पैड़ी पर 11 हजार से अधिक राम भक्तों ने एक साथ हुतात्माओं की स्मृति में दीप प्रज्ज्वलित किया।

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