अयोध्या -राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने पर किया मंथन
अयोध्या हिन्दुस्तान संवाद डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत...
अयोध्या हिन्दुस्तान संवाद
डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत एनईपी टास्क फोर्स एवं बोर्ड ऑफ स्टडीज के संयोजकों के साथ ऑनलाइन बैठक की। इसमें प्रदेश के समस्त राज्य, निजी विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के अनुरूप उच्च शिक्षा विभाग की ओर से तैयार किये गए न्यूनतम समान पाठ्यक्रमों को सत्र 2021-22 से लागू किये जाने पर चर्चा की गई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए अवध विवि के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने बताया कि 15 मई तक राज्य विश्वविद्यालयों को बोर्ड ऑफ स्टडीज एवं अन्य प्रक्रियाओं को अपनाते हुए विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रमों में अधिकतम 30 प्रतिशत के संशोधन के साथ अंगीकार करते हुए सत्र 2021-22 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप पठन-पाठन की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जानी है। उन्होंने बताया कि न्यूनतम समान पाठ्यक्रम का 70 प्रतिशत अनिवार्य रूप से लागू किया जाना है। शेष 30 प्रतिशत विश्वविद्यालय अपनी आवश्यकतानुसार लागू करेंगे। न्यूनतम समान पाठ्यक्रम की संरचना में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा सकेगा। सभी विषयों के शीर्षक प्रत्येक विश्वविद्यालय में समान होंगे।
बैठक में कुलपति प्रो. सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत जिला समन्वयक समिति की संरचना एवं गठन पर विस्तृत चर्चा की। जिसमें निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय स्तर पर गठित एनईपी टास्क फोर्स में सम्बद्धता परिक्षेत्र के सात जिलों का प्रतिनिधित्व कर रहे प्राचार्य सम्बन्धित जिले में एनईपी-2020 जिला समन्वय समिति के अध्यक्ष होंगे। जिला समन्वय समिति में जिले के समस्त अनुदानित महाविद्यालयों को प्रतिनिधित्व देने के साथ जिले के उत्तम शैक्षिक व्यवस्था वाले तीन से पांच स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के प्रबंधक एवं प्राचार्य को भी शामिल किए जाने की सहमति बनी। इसके साथ ही समिति के अध्यक्ष आतंरिक सहायता के लिए अपने महाविद्यालय के एक या दो शिक्षकों को भी समिति में स्थान दे सकते हैं।
कुलपति प्रो. सिंह ने बताया कि एनईपी में सभी विषयों के प्रश्नपत्र 100 अंक के होंगे, जिनको क्रेडिट एवं फार्मूला के अनुसार परसेन्टाईल एवं ग्रेड में सॉफ्टवेयर के माध्यम से परिवर्तित किया जायेगा। सभी विषयों की परीक्षा 25 प्रतिशत सतत् आन्तरिक मूल्यांकन एवं 75 प्रतिशत वाह्य मूल्यांकन के आधार पर की जायेगी। सभी विषयों की लिखित परीक्षा होगी एवं अनिवार्य को-करीकुलर विषय की परीक्षा बहु-विकल्पीय आधार पर होगी। बैठक में कुलपति प्रो. सिंह ने सदस्यों से एनईपी-2020 के तहत प्रवेश प्रक्रिया में आवश्यक बदलाव किये जाने पर भी चर्चा की। कुलपति ने परीक्षा नियंत्रक उमानाथ, प्रो. शैलेन्द्र कुमार तथा प्रोग्रामर रवि मालवीय को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप प्रवेश प्रक्रिया तथा ग्रेडिंग सिस्टम पर आगामी बैठक में प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने लिए निर्देश दिए।
कुलपति ने कहा कि एनईपी- 2020 की अनुशंसा के दृष्टिगत छात्रों को स्नातक स्तर पर प्रवेश के उपरान्त परीक्षा के लिए जो रोल नंबर आवंटित किया जाये उसमें उसके प्रवेश का वर्ष, संकाय कोड, पाठ्यक्रम कोड की आवश्यक जानकारी को भी शामिल किया जाये। बैठक में कुलसचिव उमानाथ, प्रो. एसएस मिश्र, प्रो. नीलम पाठक, प्रो. अशोक शुक्ल, प्रो. विनोद श्रीवास्तव, प्रो. आरके सिंह, प्रो. शैलेन्द्र कुमार, प्रो. शैलेन्द्र वर्मा, प्रो. रमापति मिश्र, उप कुलसचिव विनय कुमार सिंह, डॉ. अशोक कुमार राय, डॉ. अजय कुमार सिंह, डॉ. विजयेन्दु चतुर्वेदी, डॉ. बृज विलास पाण्डेय, डॉ. केएन पाण्डेय, डॉ. सुरेन्द्र मिश्र, डॉ. जेबी पाल, डॉ. अनिल श्रीवास्तव, डॉ. नर्देश्वर पाण्डेय, डॉ. राम सुन्दर, डॉ. सीताराम सिंह, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. दानपति त्रिपाठी, डॉ. शैलेन्द्र सिंह, डॉ. आदित्य नारायण, डॉ. महेन्द्र पाठक, डॉ. फौजदार सिंह, डॉ. मीनू सहगल, डॉ. प्रणय तिवारी, डॉ. विनय कुमार सिंह, पारितोष, आस्था कुशवाहा, मनीषा यादव, डॉ. महिमा चौरसिया, प्रोग्रामर रवि मालवीय, गिरीश पंत, सुरेन्द्र प्रसाद व अन्य शामिल रहे।
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