UP के इन दो शहरों में होगा मेट्रो लाइन का विस्तार, 394 करोड़ खर्च करेगी सरकार, योगी कैबिनेट ने दी मंजूरी
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो रेल सेवा के एक्वा लाइन का विस्तार किया जाएगा। बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो रेल सेवा के एक्वा लाइन का विस्तार किया जाएगा। बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है। सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-20 तक यातायात को और सुगम बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने शुक्रवार को लोकभवन में बताया कि नोएडा से ग्रेटर नोएडा में यातायात को और सुगम बनाने के लिए 17.435 किमी लंबी सेक्टर-51 नोएडा स्टेशन से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क 20 तक एक्वा लाइन मेट्रो परियोजना के विस्तार के संबंध में कैबिनेट द्वारा प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। इसमें 394 करोड़ रुपये भारत सरकार और 394 करोड़ रुपये राज्य सरकार की ओर से खर्च किए जाएंगे। राज्य सरकार की ओर से 40 प्रतिशत धनराशि नोएडा और 60 प्रतिशत धनराशि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत की जाएगी।
सार्वजनिक क्षेत्र के कर्ज दायित्वों के लिए मोचन निधि
यूपी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, निगमों व सहकारी संस्थाओं द्वारा लिए गए ऋण की अदायगी में चूक होने पर किश्त की अदायगी के लिए प्रत्याभूति मोचन निधि (गारंटी रिडम्प्शन फंड) सृजित किया जाएगा। इस आशय के प्रस्ताव को शुक्रवार को राज्य कैबिनेट ने अनुमोदित किया। सरकार इस निधि के तहत 8170 करोड़ का फंड तैयार करेगी। जिसमें हर साल 1634 करोड़ रुपये जमा होंगे। प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों ने 1,63,399.82 करोड़ रुपये ऋण ले रखा है। केंद्रीय वित्त आयोग, भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक तथा भारतीय रिजर्व बैंक की संस्तुतियों के क्रम में प्रदेश सरकार ने यह गारंटी रिडम्प्शन फंड बनाने का यह निर्णय लिया है।
इस निधि का उपयोग भुगतान प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा। इस निधि के बन जाने से निवेशकों के बीच सकारात्मक संदेश जाएगा। विभिन्न संस्थाओं को शासकीय प्रत्याभूति के मुकाबले कम ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा। किसी संस्था द्वारा ऋण की अदायगी में चूक किए जाने पर संचित निधि से ऋण की अदायगी की जा सकेगी, इससे राज्य सरकार की समेकित निधि पर कोई बोझ नहीं आएगा। इस निधि में जमा होने वाली धनराशि के आधार पर आरबीआई द्वारा राज्य सरकार को विशेष आहरण सुविधा का लाभ देगी।