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बोले इटावा: हमारी पार्किंग पर कब्जे और हम से ही वसूली...कब तक चलेगा

Etawah-auraiya News - बोले इटावा: हमारी पार्किंग पर कब्जे और हम से ही वसूली...कब तक चलेगाबोले इटावा: हमारी पार्किंग पर कब्जे और हम से ही वसूली...कब तक चलेगा

Newswrap हिन्दुस्तान, इटावा औरैयाFri, 21 Feb 2025 06:12 PM
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बोले इटावा: हमारी पार्किंग पर कब्जे और हम से ही वसूली...कब तक चलेगा

शहर के तकिया ट्रांसपोर्ट से देश के विभिन्न हिस्सों के लिए माल की बुकिंग और डिलीवरी होती है। दो करोड़ रुपये प्रतिमाह का कारोबार होता है। शहर में 300 के करीब ट्रांसपोर्टर हैं। 40 ट्रांसपोर्टर के ऑफिस हैं। करीब 877 ट्रक और 488 डीसीएम हैं। लेकिन इन वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था शहर में नहीं है। इससे ट्रक सर्विस रोड पर मजबूरी में खड़े करने पड़ रहे हैं। ट्रांसपोर्टर राजीव सिंह बताते हैं कि आठ साल पहले शहर के बाहर पक्का बाग हाईवे पर ट्रांसपोर्ट नगर के लिए जगह चि्ह्तित की गई थी। लेकिन इस योजना पर आठ वर्ष बीतने के बाद भी काम नहीं हो सका। आगरा-कानपुर नेशनल हाईवे से पक्काबाग जुड़ा होने से ट्रांसपोर्टरों के लिए यह काफी सुविधा जनक होता और कारोबार को भी पंख लगते।

ट्रांसपोर्टर अवनीश कहते हैं कि तकिया ट्रांसपोर्ट पर ट्रक खड़े करने की जगह नहीं बचती। सुंदर मोड़ के पास तो गिट्टी-मौरंग पड़ी रहती है, कई बार शिकायत नगर पालिका में भी की पर समस्या का निस्तारण नहीं होता। मजबूरी में हम लोगों को न चाहते हुए भी हाईवे की सर्विस रोड किनारे ट्रक खड़े करने पड़ते हैं।

ट्रांसपोर्टर संजय सिंह का कहना है कि ट्रांसपोर्टर को दुधारू गाय समझते हैं। वसूली की जाती है। ट्रांसपोर्टरों की मांग है कि सुंदरपुर मोड़ के पास नगर पालिका की बड़ी जमीन खाली पड़ी है। प्रशासन अगर यहां बाउंड्री कराकर ट्रकों के लिए पार्किंग स्थल बना दे तो हमें तो सुविधा मिलेगी ही, अच्छा राजस्व भी सरकार को मिलेगा। इधर-उधर ट्रक खड़े करने से सुरक्षा भी नहीं हो पाती। गाड़ियों की बैटरी व डीजल चोरी हो जाता है। गोपाल त्रिपाठी ने बताया तकिया ट्रांसपोर्ट के पास आनंद नगर में गाड़ियां खड़ी होती हैं। लेकिन गली में सफाई कर्मी कचरा डाल देते हैं। गाड़ियां अब खड़ी नहीं हो पाती हैं।

बिल्डिंग मैटेरियल वालों का कब्जा: तकिया से पक्का बाग की ओर जाने वाली सड़क पर भी बिल्डिंग मैटेरियल वालों ने कब्जा कर रखा है। ट्रकों को निर्माणाधीन मॉल के पास खड़ा करते हैं तो यहां जाम लगने लगता है। पुलिस ट्रकों का चालान कर देती है। ट्रांसपोर्टर नीरज गुप्ता ने बताया नुमाइश में दूसरे जिलों से दुकानदार आते हैं। नुमाइश खत्म होने के बाद दुकानों का सामान दुकानदार दिन में लदवाते हैं। ट्रक सुबह नुमाइश तो पहुंच जाते हैं, लेकिन सामान लादने के बाद भी रात आठ बजे से पहले नहीं निकल सकते। शहर में सुबह दस बजे से रात आठ बजे नो एंट्री रहती है। यही हाल अशोक नगर लोहा मंडी में होती है। सुबह दस के बाद अगर ट्रक अनलोड हो जाता है तो वह रात आठ बजे तक वहीं खड़ा रहता है। इस कारण उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। प्रशासन को दिन में दो घंटे खाली ट्रक के लिए नो एंट्री पर रोक लगानी चाहिए। जिससे ट्रक को दूसरी जगह भेजकर सामान लदवाया जा सके।

कोरोनाकाल की मार से अब तक नहीं उबर पाए ट्रांसपोर्टर : कोरोना आए चार साल बीत चुके हैं लेकिन कोरोना की मार से अब तक ट्रांसपोर्टर नहीं उबर पाए हैं। ट्रांसपोर्टर वीरू सिंह बताते हैं कि कोरोना के समय चार महीने तक पूरी तरह ट्रक खड़े रहे। ड्राइवर और स्टाफ का वेतन किसी तरह दिया गया। किस्तें नहीं जमा कर पाए। उन्हें जमा किया तो बैंकों ने ब्याज लगा दिया। कई बार बैंक के अफसरों से ब्याज पर छूट देने के लिए ट्रांसपोर्टरों का प्रतिनिधि मंडल मिला हर बार बैंक अफसर सहुलियत देने का आश्वासन देते रहे पर छूट नहीं दी। रकम वसूली के लिए ट्रांसपोर्टरों को परेशान किया जाने लगा। कोरोना में हमारे तीन ट्रक खड़े हुए थे जो बैंक ने नीलाम करा दिए। अखिलेश बताते हैं कि एक ट्रक में कई व्यापारियों का माल होता है। किसी एक व्यापारी की गलती पर ट्रक रोक लिया जाता है।

बिना सूचना दिए बंद कर देते सड़क

ट्रांसपोर्टर अखिल गुप्ता कहते हैं कि पक्का बाग और तकिया रोड पर जब सड़क का निर्माण होता है तो ट्रांसपोर्टरों को पहले से सूचना नहीं दी जाती है। रात में सड़क का निर्माण होने की वजह से ट्रक अपनी जगह पर फंस जाते हैं। कई दिन भी बर्बाद हो जाते हैं। माल समय से डिलीवर न होने पर ग्राहक नाराज होता है। कई बार शिकायत विभाग से कर चुके हैं। पर हर बार बिना सूचना दिए सड़क निर्माण शुरू हो जाता है।

छोटी सी कमी में भी लगाते जुर्माना

टांसपोर्टर ब्रजेश सक्सेना ने बताया ट्रांसपोर्टरों की पीड़ा राज्यकर विभाग के रवैये से भी है। ई-वे बिल की सामान्य त्रुटि, इनवायस में एक अक्षर या अंक में गड़बड़ी पर हजारों से लेकर कई लाख का जुर्माना लगा दिया जाता है। ट्रक कई दिनों तक सीज रहते हैं, जबकि ज्यादातर ट्रकों पर कई व्यापारियों के माल लदे होते हैं। एक के बिल में गड़बड़ी का खमियाजा सभी को भुगतना पड़ता है।

लगाना पड़ता अतिरिक्त चक्कर

ट्रांसपोर्टर गुलशन कुमार कहते हैं कि पक्का बाग तिराहा पर पहले रामलीला रोड पर सुबह दस से रात आठ बजे तक नो एंट्री थी। लेकिन उस रोड पर कुछ लोगों के फायदे के लिए गाड़ीपुरा चौराहा तक नो एंट्री खत्म कर दी गई। दिन में अगर कोई खाली ट्रक नुमाइश रोड पर फंस जाता है तो चाल को लुहन्ना चौराहा हो अतिरिक्त चक्कर काटना पड़ता है।

डीजल महंगा, भाड़ा पुराना

ट्रांसपोर्टर विशुन बताते हैं कि बाजार में इतना कंप्टीशन है कि बड़े ट्रांसपोर्टर कम भाड़े में ही माल ढोते हैं, छोटे ट्रांसपोर्टरों का टिकना मुश्किल होता जा रहा है। बड़े ट्रांसपोर्टरों ने अपनी कई शाखाएं शहर में खोल रखी है जिससे वह कम दाम में माल बुक कर लेते हैं। डीजल के दामों में तेजी आने के बावजूद भाड़ा नहीं बढ़ाया गया।

भरथना चौराहा से विजय नगर, अशोक नगर को नो एंट्री है। दिन में दो घंटे के लिए एंट्री खुलनी चाहिए।

-श्याम किशोर

प्रशासन को ट्रांसपोर्टरों से समय-समय पर संवाद करना चाहिए। हर माह एक बैठक भी होनी चाहिए।

- विमल

दिन में दो घंटे के लिए एंट्री खुलनी चाहिए। अवैध उगाही पर अंकुश लगना चाहिए।

-रोहित

तकिया ट्रांसपोर्ट के नाले चोक हैं, इस वजह से बारिश में सड़क पर जलभराव हो जाता है।

- जिया उर रहमान

प्रशासन को एक स्थाई पार्किंग बनानी चाहिए, जहां माल लोड अनलोड भी किया जा सके।

-मोहम्मद आसिफ

प्राइवेट बसों से माल ढोया जा रहा। इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगानी चाहिए।

- अवनीश

नो एंट्री खत्म होने पर भी आगे जाने पर पुलिस चालान करने की धमकी देती है।

-सतेंद्र सिंह सेंगर

तकिया ट्रांसपोर्ट तिराहा पर मॉल का निर्माण हो रहा है। अब वहां भी गाड़ियां खड़ी नहीं हो पाती हैं।

-अनीस पहलवान

आनंद नगर की सड़कों पर कचरे के ढेर लगे रहते हैं। गाड़ियां खड़ी करने की जगह नहीं रह गई है।

-नईम मंसूरी

तकिया ट्रांसपोर्ट पर चालान नहीं होना चाहिए। सुंदरपुर मोड़ के पास पार्किंग की व्यवस्था की जानी चाहिए।

- ईशान मंसूरी

ट्रांसपोर्टर जबरन चालान या परिवहन विभाग द्वारा परेशान किए जाने की बात कहते हैं तो ये गलत है। विभाग की ओर से किसी का शोषण नहीं किया जाता। केवल उन ट्रकों पर ही कार्रवाई की जाती है, जो नियमों को तोड़कर चलते हैं या फिर ओवरलोड मिलते हैं। रॉयल्टी आदि के लिए खनन विभाग भी चालान करता है। प्रदीप कुमार, एआरटीओ

समस्या---

1. प्रशासन ट्रांसपोर्ट नगर के लिए प्रस्तावित योजना को जल्द लागू करे। शहर को जाम से मुक्ति मिलेगी।

2. सड़क बनाने से पहले ट्रांसपोर्टरों को सूचना दी जाए। ताकि बुकिंग के माल का आवागमन बाधित न हो और बिना रुकावट के माल समय से डिलीवर हो सके।

3. जब तक ट्रांसपोर्ट नगर की व्यवस्था नहीं होती है। तब तक सुंदरपुर मोड़ के पास खाली पड़ी जगह पर पार्किंग बनाई जाए।

4. खाली वाहनों के लिए दिन में नो एंट्री के दौरान दो घंटे की छूट दी जाए। इससे दूसरा भाड़ा लेने के लिए खाली ट्रक समय से पहुंच जाएगा।

5. तकिया और आजाद नगर रोड पर सड़क किनारे खड़े ट्रकों पर नो पार्किंग का चालान नहीं किया जाए।

सुझाव----

1. पार्किंग न होने की वजह से ट्रकों की बैटरी और डीजल चोरी हो जाता है। पुलिस शिकायत दर्ज नहीं करती है।

2. बसों पर माल लादने पर रोक नहीं लग रही। जबकि ट्रकों पर लदे माल के जीएसटी बिल में गलतियां निकाली जाती हैं।

3. तकिया ट्रांसपोर्ट पर गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। सड़क किनारे लोग अवैध कब्जे किए हुए हैं। अब यहां ट्रक पार्क नहीं हो पाते हैं।

4. कई जगह बिना सूचना दिए सड़क का निर्माण शुरू हो जाता है। ट्रक फंस जाते हैं।

5. तकिया और आजाद नगर रोड पर सड़क किनारे खड़े ट्रकों का चालान कर दिया जाता है। जबकि सड़क पर मौरंग-गिट्टी डालने वालों पर कार्रवाई नहीं होती।

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