बेटी आंगन में जिसके आती है,एक मकाबल उजाला...
बकेवर। गोपाल मंदिर के पास स्थित लोहिया नगर में सम्मान एंव बसंत दोपहरी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेश भर से आए कवियों ने भाग लेते हुए काव्य की गंगा...
बकेवर। गोपाल मंदिर के पास स्थित लोहिया नगर में सम्मान एंव बसंत दोपहरी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेश भर से आए कवियों ने भाग लेते हुए काव्य की गंगा बहाई। कवि सम्मेलन का शुभारम्भ मुख्य अतिथि गजल गायक अशोक यादव व अरविंद कुमार मिश्र ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। कवि सम्मेलन की शुरूआत डा. मंजू यादव ने सरस्वती की वंदना के साथ की। इसके बाद कवि अशोक यादव ने कहा कि मैं यूं ही हादसों से गुरती रही क्या है शेरों सुखन पता न चला। वहीं कवि प्रमोद तिवारी ने बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं पर कहा कि बेटी आंगन में जिसके आती है एक मुकाबल उजाला लाती है, भूल जाता है सारे रंजे गम जब उजाला लाती है। वहीं कवि महेश मंगल ने अपनी कविता में कहा कि दर्द दो या कहीं खुशी तब हुई है गजल प्यार हो या कहीं तब हुई है गजल। कवि अरविन्द योगी व महेन्द्र मिहोनवी सहित तमाम कवि ने अपनी कविताओं से लोगों का मन मोह लिया। कार्यक्रम संयोजक राम नरेश यादव व डा. मंजू यादव ने अतिथियों का स्वागत किया।
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