पानी को बर्बाद करने वाले 311 लोगों को नोटिस जारी
इटावा में पानी की बर्बादी रोकने के लिए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। 311 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं जो भूजल का दोहन कर रहे हैं और पंजीकरण नहीं करवा रहे हैं। उन्हें एनओसी प्राप्त करने के लिए...
इटावा। पानी की बर्बादी करने वालों की खैर नहीं है। अब इन पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली गई है। जिला प्रशासन ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया हैऔर ऐसे 311 लोगों को नोटिस जारी किया है, जो भूजल का दोहन कर रहे हैं और इसका पंजीकरण भी नहीं कराया है। इन सभी से कहा गया है कि वे पंजीकरण कराकर एनओसी ले लें वर्ना उन पर कार्यवाही की जाएगी और पानी की बर्वादी करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। इस संबंध में डीएम व अध्यक्ष जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद अवनीश राय ने कहा है कि उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल प्रबंधन और विनियमन अधिनियम-2019 के तहत राज्य में भूमिगत जल संरक्षित करने, नियंत्रित करने और भूमिगत जल का प्रबंधन करने के लिए व्यवस्था सुचारू रूप से चलवाया जाएगा। इसके लिए सभी औद्योगिक, वाणिज्यिक, आरओ प्लांट और सामूहिक उपयोगकर्ताओं को भूजल निष्कर्षण के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी), पंजीकरण का प्रावधान किया गया है।
इसके अतिरिक्त भूगर्भ कूप निर्माण की सभी ड्रिलिंग संस्थाओं का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। भूजल की बर्वादी और पंजीकरण ना कराने तथा एनओसी ना लेने को लेकर औद्योगिक, वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक निर्माण संबंधी, आरओ प्लांट, होटलों, लॉजों, आवासीय कालोनियों, रिजोटों, निजी चिकित्सालयों, कारोबार प्रक्षेत्रों, शॉपिंग मॉल्स, मैरिज होम, स्लाटर हाउस, वाहन धुलाई केंद्र, स्वूमिंग पूल, मोटर एजेंसी, ईट भटटा, शीतग्रह समेत कुल 311 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। कुछ लोगों के अलावा अन्य किसी की ओर से आवेदन नहीं किया गया है। इन सभी से नोटिस के माध्यम से कहा गया है कि उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल विभाग को भूगर्भ जल अधिनियम के तहत बिना पंजीकरण, अनापत्ति प्रमाण-पत्र के भूगर्भ जल दोहन करने पर व्यक्ति, समूह, संस्था को दो से आठ लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
आनलाइन कराना होगा पंजीकरण
इटावा। भूजल के दोहन के लिए भूगर्भ जल की वेवसाइट पर जाकर आनलाइन पंजीकरण कराना होगा। इस माध्यम से पंजीकरण कराके अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल किया जा सकता है। यह आनलाइन पंजीकरण अनिवार्य होगा और पंजीकरण नहीं कराने वाले कार्यवाही की जद में जा जाएंगे।
इन्हें कराना होगा पंजीकरण
औद्योगिक, वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक निर्माण संबंधी, आरओ प्लांट, होटलों, लॉजों, आवासीय कालोनियों, रिजोर्ट्र, निजी अस्पताल, कारोबार प्रक्षेत्रों, शॉपिंग मॉल्स, मैरिज होम, स्लाटर हाउस, वाहन धुलाई केंद्र, स्वीमिग पूल, मोटर एजेंसी, ईट भटटा, कोल्ड स्टोरेज।
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