राम कथा सुनने से मन होता हैं निर्मल और पावन: संतदास
Etawah-auraiya News - इटावा महोत्सव में संतदास महाराज ने राम चरित मानस सम्मेलन के अंतिम दिन प्रवचन दिया। उन्होंने कहा कि भगवान की कथा सुनने से मन निर्मल होता है, जिससे भगवत प्राप्ति संभव होती है। उन्होंने शांति, भक्ति और...
इटावा। इटावा महोत्सव में तीन दिवसीय राम चरित मानस सम्मेलन के तीसरे और अंतिम दिन प्रवचन करते हुए कार्यक्रम के मुख्य वक्ता बरसाना धाम से पधारे परम विरक्त संत संतदास महाराज ने कहा कि भगवान की कथा सुनने से मन निर्मल हो जाता है, और मन निर्मल होने से भगवान मिल जाते हैं। यथा निर्मल मन जन सो मोहि पावा। मोहि कपट छल छिद्र न भावा इसलिए कथा ज़रूर सुनो जिससे मन निर्मल हो जाए क्योंकि मन के निर्मल होने से जीव भगवत प्राप्ति की पात्रता हासिल कर लेता है। उन्होंने कहा कि शांति के समान कोई सुख नहीं है। तुलसी शांति समान सुख नाही, भक्ति का भूषण ज्ञान है, ज्ञान का भूषण ध्यान है, ध्यान का भूषण त्याग। त्याग का भूषण शांतिपद, जो भगवान की भक्ति और शरणागति से मिलता है। इसके बाद उन्होंने फुलवारी प्रसंग, धनुष भंग, लक्ष्मण परशुराम संवाद और सीताराम विवाह का बड़ा ही मनोहारी ढंग से वर्णन किया। इस मौके पर सीता राम विवाह के प्रसंग पर गायिका अपर्णा मिश्रा ने वरमाला गीत सिया जयमाल लाई है सुनाकर सभी श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। राम दरबार एवं कीर्तिशेष धरनीधर त्रिवेदी के चित्र पर माल्यार्पण करके कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। कार्यक्रम के संरक्षक डॉ विश्वपति त्रिवेदी ने मुख्य वक्ता संतदास महाराज जी का माल्यार्पण कर सभी का स्वागत एवं अभिनंदन किया। संचालन डॉ. कुश चतुर्वेदी ने किया। कार्यक्रम संयोजक संजीव अग्रवाल एफसीए ने सभी का आभार जताया। कार्यक्रम में पं. ऋषिनंदन मिश्रा, सुनीता दीक्षित श्यामा, दिलीप गुप्ता एडवोकेट, जिले के आयकर अधिकारी प्रेम सिंह, राजेश वाजपेई, ओपी मिश्रा, ओम नारायण शुक्ला, केके सक्सेना, शोभाराम तिवारी, आशुतोष त्रिवेदी, देवेंद्र तिवारी, सुधीर मिश्र, उमाकांत पाठक, शुभम अग्रवाल, सिद्धार्थ सक्सेना, नितिन अग्रवाल मौजूद रहे।
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