कोहरे और बर्फीली हवाओं से अस्त व्यस्त हुआ जनजीवन
Etawah-auraiya News - फोटो 1 एक स्कूल में सर्दी से बचने के लिए अलाव के पास बैठे बच्चेफोटो 2 अलाव ठंडा होने के बाद उस स्थान पर बैठे पशुफोटो 3 रैन बसेरा में ठहरने वालों के ल
इटावा, संवाददाता। कड़ाके की सर्दी से राहत नहीं मिल रही है। दिसंबर के आखिरी दिनों से शुरू हुई यह कड़ाके की सर्दी अभी तक जारी है। स्थिति यह है कि सुबह घना कोहरा और पूरे दिन चलने वाली बर्फीली हवाओं के चलते लोग सर्दी से परेशान हंै। बीच में दो दिन तक धूप जरूर निकल आई लेकिन अब फिर धूप के दर्शन नहीं हो रही है। इसके कारण दिन में भी कड़ाके की सर्दी पड़ती है और लोगों को आग जलाकर सर्दी से बचने के प्रयास करने पड़ते हैं। बुधवार को सुबह से ही घना कोहरा छाया हुआ था। पहले ऐसा लग रहा था कि शायद दोपहर तक आसमान साफ हो जाए और धूप निकल आए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दोपहर बाद करीब 3 बजे बेहद हल्की धूप निकली जो सिर्फ देखने के लिए ही धूप थी। इस दौरान भी बर्फीली हवाई चलती रही जिसके कारण धूप में बैठकर भी सर्दी से बचने में कामयाबी नहीं मिल रही थी। यही कारण रहा कि दुकानों के बाहर और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लोग कागज या लकड़ी जलाकर उसके पास बैठकर सर्दी से बचने का प्रयास करते रहे। शाम होते ही सर्दी फिर तेज हो गई। दोपहर का तापमान भी 16 डिग्री से ऊपर नहीं गया जिसके कारण सर्दी में लोग कांपते रहे। आम तौर पर मकर संक्रांति के बाद सर्दी में कुछ कमी आ जाती है लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। मकरसंक्राति के अगले दिन बुधवार को तो सर्दी केतेवर और भी तीखे हो गए। यही कारण रहा कि कार्यालय तथा बाजार खुले होने के बाद भी ज्यादा भीड़ सड़कों पर नहीं दिखाई दी। जिन्हे जरुरी काम था वही निकले अन्यथा लोग अपने घरों और कार्यालयों में ही बने रहे। शाम को फिर सर्दी बढ़ जाने से लोग बाहर सड़कों पर ना निकलने को मजबूर हो गए।
स्कूल तो खुले लेकिन कम पहुंचे बच्चे
इटावा। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों का 15 दिन का अवकाश घोषित किया गया था। 15 दिन के अवकाश के बाद बुधवार को स्कूल तो खुल गए लेकिन छट्टी के बाद पहले दिन कम संख्या में बच्चे स्कूल पहुंचे। सुबह घना कोहरा छाया हुआ था और नजदीक का भी नहीं दिखाई दे रहा था।ऐसे में लोगों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। कई स्कूलों में तो शिक्षकों ने आग जलाकर बच्चों को सर्दी से बचानेकी कोशिश की।सुबह जिस तरह का माहौल था और कोहरा छाया हुआ था उसको देखकर ही यह लग रहा था कि ज्यादा बच्चे स्कूल नहीं पहुंचेंगे और यही हुआ।प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूलों में काफी कम संख्या में बच्चे पहुंचे।
रैन बसेरों के हैं इंतजाम
इटावा। नगरीय क्षेत्र में नगर पालिका की ओर सेरैन बसेरे बनाए गए है।सुंदरपुर में मुख्य रैन बसेरा है जहां पर लोगों के ठहरने के लिए इंतजाम किए गए है। यहां ऊनीं कपड़े भी हैं तथा ठहरने की व्यवस्था भी है।इसी तरह रेलवे स्टेशन के पास एक स्थाई और एक अस्थाई रैनबसेरा बना हुआ है।इनमें लोग रहसकते हैं लेकिन कड़ाके की इस सर्दी में लोग बेहद परेशान है। रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड पर वाहन से उतरने के बाद रैन बसेरे तक पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है।शाम होते ही कोहरा हा ेजाता हैऔर फिर उसमें नजदीक का भी दिखाई नहीं देता।
मजदूरों को नहीं मिल रहा काम
इटावा। सर्दी के कारण निर्माण के कामकाज की गतिविधियां भी कम हुईहै। लोग इन दिनोंं निर्माण कार्य नहीं कर रहे हैं उनका कहना है कि सर्दी कम होने के बाद ही निर्माण कार्य कराए जाएंगे।यहां बड़ी संख्या में सुबह मजदूर आते हैं और शास्त्री चौराहा उनका ठिकाना है। वे यहां खड़े होते हैं और काम की तलाश करते लेकिन इन दिनो सर्दी के कारण कामकाज कम हो रहा है जिसके चलते मजदूर शास्त्री चौराहा तो आते हैं लेकिन उनमें से बहुत से मजदूर कामकाज न मिलने के कारण मायूस होकर अपने घर वापस चले जाते हैं।
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