इटावा में कृषि गोष्ठी में किसानों को बताए गए उत्पादन बढ़ाने के उपाय
इटावा के जसवंतनगर में रबी कृषि निवेश मेला एवं गोष्ठी का आयोजन हुआ। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य, जैव उर्वक, और खुद के बीज उत्पादन की सलाह दी। उन्होंने रासायनिक उर्वक के प्रयोग में कमी...
इटावा। जसवंतनगर में विकासखंड स्तरीय रबी कृषि निवेश मेला एवं गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें कृषि विशेषज्ञों एवं वैज्ञानिकों ने कृषक जागरूकता पर बल दिया। साथ ही आवश्यक कृषि बीजों का स्वयं उत्पादन करने, मृदा स्वास्थ्य को दुरुस्त रखना , उर्वरकता बनाए रखना तथा जैव उर्वरकों का अधिक प्रयोग को प्रोत्साहित करने की किसानों को सलाह दी। कृषि विशेषज्ञ प्रकाश नारायण त्रिपाठी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि घर की माता, धरती माता तथा गंगा माता तीनों परेशान है और उस परेशानी का कारण हम सभी हैं। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी जिसमें मृदा नमूने लेने की विधि, मिट्टी के सुधार के लिए अधिक से अधिक गोबर की खाद के साथ हरी खाद का प्रयोग करने, बाजार की फसल से नाइट्रोजन नहीं मिलेगा इसके लिए चिंता की बात नहीं है किसान भाई अंधाधुंध उर्वरकों का प्रयोग ना करें ऊसर बंजर जमीन हेतु अधिक से अधिक कार्बन पदार्थ की आवश्यकता होती है। मृदा सुधार में जिप्सम खाद बहुत ही महत्वपूर्ण है, जिप्सम ना मिलने पर खेत में पुआल, जल मजनी आदि को खेतों में ही हैरो से कटवाकर पानी भरवा कर सड़ा देने के बाद खेत अपने आप स्वस्थ होने लगते है।
कृषि विशेषज्ञ सत्येंद्र सिंह यादव ने किसानों को अपने खेत के लिए बीजों का स्वयं उत्पादन करने की सलाह दी उन्होंने कहा कि जब उर्वरकों के जरिए पैदा किए गए बीज बाजार से खरीदे गए बीजों की तुलना में अधिक कारगर साबित होते हैं । इसके लिए सरकार की तरफ से बीज ग्राम योजना चल रही है उसका किसानों को लाभ उठाना चाहिए।सहायक विकास अधिकारी कृषि बलबीर सिंह यादव ने गेहूं में खर पतवार नियंत्रण के बारे में जानकारी देते हुए आवश्यक दवाइयां के विषय में उपयोगी जानकारी किसानों को दी उन्होंने बताया कि किस-किस मात्रा में यह दवाइयां डाली जानी चाहिए। इस संबंध में उपस्थित किसानों ने भी प्रश्न पूछ कर अपनी समस्या का समाधान किया। किसान सम्मान निधि के मामले में एक प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि किसानों की सारे खसरा एक जगह आ जाएंगे तब आपको किसान सम्मान निधि मिलेगी।
जैव उर्वरकों के सहारे प्राकृतिक एवं आधुनिक खेती करने वाले प्रगतिशील किसान अरविंद प्रताप सिंह परिहार ने किसानों को सलाह दी की रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों पर निर्भरता धीमे-धीमे कम करें अन्यथा आपकी जमीन अपनी उर्वरता छोड़ देगी फिर यह स्थिति अत्यंत भयावह होगी। उन्होंने बताया कि वह पिछले 8 वर्षों से देसी तरीकों से आधुनिक खेती कर रहे हैं और रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का बिल्कुल भी प्रयोग नहीं कर रहे हैं तथा उनकी पैदावार रसायनों से की जा रही पैदावार से कहीं अधिक बेहतरीन एवं अधिक मात्रा में हो रही है।
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