बोले इटावा : जाम- गदंगी खत्म करा दें दो गुना हो जाएगा कारोबार
Etawah-auraiya News - बोले इटावा : जाम- गदंगी खत्म करा दें दो गुना हो जाएगा कारोबारबोले इटावा : जाम- गदंगी खत्म करा दें दो गुना हो जाएगा कारोबार
शहर के मुख्य बाजारों में वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं है, इसका सीधा असर कारोबार पर पड़ रहा है। बाजार आने वाले व्यापारी और ग्राहक मजबूरी में सड़क किनारे अपने वाहनों को खड़ा कर देते हैं। ट्रैफिक पुलिस दुकान के बाहर खड़े वाहनों का चालान कर देती है। इससे उन्हें आर्थिक चोट भी लगती है। व्यापारी अश्वनी जाटव कहते हैं कि बाजार में पार्किंग को लेकर नपा के अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई है। व्यापारी अशोक जाटव कहते हैं कि बाजारों में सुलभ शौचालय न होने से दुर्गंध भी फैली रहती है। सरकार को हम टैक्स दे रहे हैं। उसके बाद भी उन्हें सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। ऑनलाइन शॉपिंग ने भी बाजार की चाल बिगाड़ दी है। दुकानों में भरपूर स्टॉक है, लेकिन बाजार में पहले के मुकाबले उतने ग्राहक दिखाई नहीं दिखाई देते। बाजार में रोजाना करीब 50 हजार वाहन आते हैं और 13 हजार दुकानें हैं।
व्यापारी गिरधर शुक्ला कहते हैं कि लॉकडाउन से पहले नगर पालिका और पुलिस अधिकारियों को आवेदन व्यापारियों ने दिया था। उस समय तो तिकोनिया बाजार के पास गांधी पार्क, तहसील के पीछे और पुरबिया टोला मैदान में पार्किंग की व्यवस्था हो गई थी, लेकिन फिर से वही पुरानी वाली स्थिति बनने लगी है। एंबुलेंस भी फंस जाती जाम में: व्यापारी प्रदीप सोनी बताते हैं कि कई बार एंबुलेंस और अन्य जरूरी सेवाएं देने वाली गाड़ियां भी घंटों जाम में फंसी रहती हैं। इस जाम का सबसे मुख्य कारण ई-रिक्शा और ऑटो चालकों की मनमानी हैं। शहर के चौराहा से तिकोनिया बाजार की ओर चार पहिया वाहन और ई-रिक्शा की नो एंट्री है। तिकोनिया बाजार से पक्की सराय तक अवैध मिडवे पार्किंग बन गई है। पुलिस प्रशासन इसे खत्म नहीं करा पाया है। ई-रिक्शा के लिए कोई सख्त नियम न होने की वजह से ये उन जगहों पर भी घुस जाते हैं, जहां ऑटो और अन्य चार पहिया वाहनों पर भी रोक है। व्यापारी अंशुल गुप्ता कहते हैं कि शास्त्री चौराहा से लेकर पक्की सराय बाजार तक एक भी शौचालय नहीं है।
यूरिनल का उपयोग करने के लिए लगानी पड़ती लाइन: नगर पालिका के बाहर सिर्फ एक पेशाब घर बना है। दुकानदारों और ग्राहकों को यूरिनल का उपयोग करने के लिए लाइन लगानी पड़ती है। नगर पालिका और गुदड़ी बाजार के चारों ओर साफ-सफाई नहीं होने से नालियां चोक हैं। संतोष बताते हैं कि राजागंज, तहसील बाजार और बजाजा लाइन में बदबू फैली रहती है।
ई-रिक्शा का निर्धारित किया जाए रूट
नया शहर चौराहा पर बैरीकेडिंग लगी हुई है। साबितगंज जाने वाले चार पहिया वाहन और ई-रिक्शा पर रोक है। व्यापारी राम किशन कहते हैं कि इसके बाद भी ई-रिक्शा साबितगंज बाजार में घुस जाते हैं, जिससे साबितगंज से तहसील चौराहा तक जाम की समस्या पूरे दिन बनी रहती है। काफी समय से प्रशासन ई-रिक्शा का रूट निर्धारित करने की बात कह रहा है। लेकिन अबतक ई-रिक्शा का शहर में रूट निर्धारित नहीं हुआ है। इससे आम लोगों सहित व्यापारियों को काफी समस्या हो रही है।
पुरानी तहसील में बनाई जाए मल्टी स्टोरी पार्किंग
लॉक डाउन से पहले गांधी पार्क, तहसील के पीछे वाहन पार्किंग बनाई गई थीं। कुछ दिनों बाद ही पार्किंग खत्म कर दी गई हैं। व्यापारी नेता आलोक दीक्षित बताते हैं कि पुरानी तहसील के भवन को गिराया जा रहा है। पुरानी तहसील और नगर पालिका में मल्टी स्टोरी पार्किंग बन जाए तो शहर की जाम की समस्या दूर हो जाएगी। मेडिकल केयर यूनिट में भी पार्किंग बनाई जा सकती है।
जीएसटी की जांच के नाम पर व्यापारियों का शोषण करने का प्रयास किया जाता है। बेवजह नोटिस भेजकर परेशान करत ेहैं।
-राजेश
बांटमाप विभाग के कर्मचारियों से व्यापारी खासे परेशान हैं। नोटिस जारी कर देते हैं और फिर उत्पीड़न करते हैं।
- शेख अफताब
तिकोनिया से पक्की सराय बाजार तक बीच सड़क पर वाहन खड़े होते हैं। प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए।
-आलोक दीक्षित
कंपनियां विशेष ऑफ र देती हैं। इससे ग्राहकों का झुकाव ऑनलाइन बाजार की तरफ ज्यादा बढ़ता जा रहा है।
-विशाल अग्रवाल
शास्त्री चौराहा से लेकर नगर पालिका तक मात्र एक पेशाब घर है। इससे दुकानदारों को रोज परेशानी होती है।
-सुधीर कुमार
राजागंज और नपा चौराहा पर नालियां चोक होने से मिठाई की दुकानों से फेंका गया पानी दुर्गंध फैलाता है।
-उज्जवल
स्कूल के संचालकों को बाजार में छोटे वाहनों से बच्चों को भेजना चाहिए। ताकि बच्चे जाम में न फंसें।
-राजकिशोर अग्रवाल
आश्वासन कई बार मिला पर वाहनों के लिए न तो पार्किंग बनी और न ही नपा ने इसे लेकर कोई ठोस योजना बनाई।
-प्रदीप सोनी
पक्की सराय बजार के मिड वे पार्किंग में ठेले तक लगने लगे हैं। इससे ग्राहकों को पहुंचने में दिक्कतें आती हैं।
-संजय वर्मा
देश में ऑनलाइन व्यापार बढ़ने से बाजार प्रभावित हो रहा है। इस पर अतिरिक्त टैक्स लगा हतोत्साहित करना चाहिए।
-अनीस
सरकार को बजट में व्यापारियों के लिए राहत पैकेज देना चाहिए, डीजल पर सब्सिडी देनी चाहिए।
-अशोक जाटव
लगातार बढ़ रहे वाहनों से जाम ज्यादा लगता है। फिर भी अभी तक प्रशासन ने इसके लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किए हैं।
-हनीफ
सुझाव--
1. पुरानी तहसील व नगर पालिका में मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाई जाए।
2. ई-रिक्शा के रूट निर्धारित किए जाएं, नो एंट्री में प्रवेश पर भी रोक लगे।
3. राजागंज चौराहा पर पुलिया का निर्माण दोबारा हो, इससे नालियां चौक
नहीं होंगी।
4. बाजार में सफेद पट्टी के अंदर खड़े वाहनों का चालान नहीं होना चाहिए।
5. नगर पालिका बाजारों में शौचालय बनवाए। सभी को यह सुविधा मिले।
समस्या---
1. नगर पालिका के चारों ओर नालियां चोक हैं। पूरे बाजार में दुर्गंध फैली
रहती है।
2. पक्की सराय बाजार से तिकोनिया तक मिडवे पार्किंग की वजह से अवैध रूप से बीच सड़क पर ठेले लगने लगे हैं।
3. नाबालिग ई-रिक्शा चला रहे हैं। बीच सड़क पर कहीं पर भी रोक देते हैं।
4. पार्किंग सुविधा न होने से बाजार में ग्राहक नहीं पहुंच रहे। वे ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं।
ऑनलाइन बाजार दे रहा चोट
व्यापारी राम सिंह कहते हैं कि ई-कॉमर्स कंपनियां त्योहार या सहालग के पहले छूट देती हैं, इस पर रोक लगनी चाहिए। इससे शहर के व्यापारियों की बिक्री में 20 से 30 फीसदी तक फर्क पड़ जाता है। ग्राहक छूट के फेर में यह पड़ताल नहीं करते कि लोकल बाजार में वह कितने रुपये का मिल रहा। कई उत्पादों के बेचने में ई-कॉमर्स कंपनियां ग्राहकों को ठग लेती हैं। ग्राहक कई बार यह समझ नहीं पाते और खरीदारी कर लेते हैं। व्यापारी रियाज बताते हैं कि किसी को कुछ खरीदना है तो वह पहले ऑनलाइन चेक करके उसके बाद दाम पता करता है। फिर दुकान पर आता है और दाम कम होने के बाद भी छूट के बहकावे में आकर ऑनलाइन खरीदारी कर लेता है। पिछले वर्षों से तुलना करें तो 20 से 30 फीसदी तक बिक्री गिरी है।
दुकानों पर नहीं रुक रहे ग्राहक : व्यापारी रामकिशोर गुप्ता ने कहा कि मुख्य बजाजा लाइन बाजार के व्यापारियों का दर्द है कि दुकानों के बाहर ग्राहक वाहन खड़े करते हैं तो पुलिस उन्हें परेशान करती है। उनका चालान भी काट देती है। इसका असर कारोबार पर पड़ रहा है। नगर पालिका और जिला प्रशासन के अफसरों को यहां पर मल्टीलेवल पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि ग्राहकों को यह चिंता न रहे कि वह वाहन कहां पार्क करेंगे। शेख आफताब बताते हैं कि कई विभाग नियमों के फेर में व्यापारियों का उत्पीड़न करते हैं।
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