बोले इटावा: जाम, जलसंकट और अन्ना.. इनसे त्रस्त किराना
Etawah-auraiya News - बोले इटावा: जाम, जलसंकट और अन्ना.. इनसे त्रस्त किरानाबोले इटावा: जाम, जलसंकट और अन्ना.. इनसे त्रस्त किराना
किराना का इटावा में बड़ा बाजार है पर समस्याएं अपार हैं। रोज लगने वाला जाम, नियमित सफाई न होना, नो एंट्री की दिक्कत जैसी अनगिनत समस्याएं कारोबारी को परेशान करती हैं। कारोबारी संदीप शर्मा कहते हैं कि बाजार में एक सरकारी हैंडपंप तक नहीं है जिस वजह से गर्मी में बोतल वाला पानी या वाटर कूलर खरीद कर पीना पड़ता है। तारों का मकड़जाल और खुले में रखे ट्रांसफर से कभी भी हादसे हो जाते हैं। समस्याओं के निस्तारण कराने की कई बार मांग रखी पर पूरी नहीं हो सकी। होमगंज और लालपुरा, गाड़ीपुरा क्षेत्र में वैसे तो करोड़ों का सालाना टर्नओवर है पर यहां सुविधाओं के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही वर्षों से दिया जा रहा है। यह दर्द आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से किराना कारोबारियों ने व्यक्त कि या।
किराना कारोबारी राहुल गुप्ता का कहना है कि समस्याएं कोई नहीं सुनता टैक्स की मार पर सबका ध्यान रहता है। यदि आग लग जाए तो उसे बुझाने के लिए पर्याप्त संसाधन तक बाजार में उपलब्ध नहीं है। जब तक आग बुझती है तब तक काफी नुकसान हो चुका होता है। मंडी में पीने के पानी का संकट दूर नहीं हो रहा लिहाजा कारोबारी और ग्राहक बोतल बंद पानी खरीदकर पीने को मजबूर हैं। खुले में रखे ट्रांसफार्मर खतरे को दावत दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष आलोक दीक्षित का कहना है कि अन्ना मवेशियों की धमाचौकड़ी भी बाजार में रहती जिस कारण न सिर्फ व्यापारी बल्कि आम जनता भी परेशान है। कई लोगों की हड्डियां तक टूट चुकी हैं। बरसात के दिनों में बाजार क्षेत्र में होने वाला जलभराव एक बड़ी समस्या है ।
किराना व्यापारी रंजीत कुमार का कहना है की मंडी शुल्क के नाम पर आर्थिक दोहन हो रहा है। बाजार में पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं है जिससे ग्राहकों को सड़क पर वाहन खड़ा करना पड़ता है। उनका चालान कट जाता है।
कचरे से पटी नालियां: व्यापारी कहते हैं कि बाजार में सफाई व्यवस्था में सुधार की बेहद आवश्यकता है कई फीट गहरी नालियां कचरे से पटी पड़ी है। दुर्गंध उठती है। कूड़ा दो बार उठाने की व्यवस्था है लेकिन इसके बावजूद गंदगी कम नहीं हो रही। होमगंज बाजार में हर समय लगने वाला जाम व्यापारियों के लिए चिंता का विषय है और तो और यहां लगने वाली सब्जी मंडी ने किराना कारोबार को लगभग खत्म कर दिया। शहर के अंदर लोडिंग अनलोडिंग की समस्या से भी किराना व्यवसाय मंद हो रहा हैं उनका कहना है कि सारा माल बाहर से आता है और पूरे शहर में सप्लाई देने के लिए हर समय लोडिंग अनलोडिंग की आवश्यकता पड़ती है लेकिन जाम की समस्या के चलते उन्हें घंटा इंतजार करना पड़ता है।
कारोबारी रुस्तम सिंह का कहना है कि एक समय में इटावा में ही कई दाल मील संचालित होती थी जिसे लोकल माल आसानी से उपलब्ध हो जाता था। लेकिन वर्तमान में कानपुर, आगरा और भिंड जैसी मंडी से माल मंगाना पड़ता है जिससे न सिर्फ लागत बढ़ जाती है बल्कि टैक्स की मार भी झेलनी पड़ती है। दलहन उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए साथ ही दाल मिलों को फिर से चालू की जाए। जिससे लोकल मार्केट में स्थानीय दाल और अन्य खाद्य सामग्री आसानी से उपलब्ध हो सके। यूपी छोड़कर कई राज्यों में मंडी शुल्क नहीं है लेकिन सिर्फ यहीं पर लगता है आए दिन मंडी परिषद के अधिकारी व्यापारियों की गाड़ी पकड़ते हैं। उत्पीड़न किया जाता है। इस संकट से निजात दिलाई जाए।
फुटपाथ ऊंचा हो तो जलभराव से मिले निजात
व्यापारी संतोष शुक्ला कहते हैं कि शहर में मुख्य बाजार सहित विजय नगर व कई जगहों पर जल भराव की समस्या है। इसके चलते न सिर्फ कारोबारी परेशान है बल्कि आम जनता को भी बरसात के दिनों में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में व्यापारियों का कहना है कि इटावा टैक्स के मामले में तो सबसे आगे है लेकिन यहां जरूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। ऐसे में फुटपाथ को ऊंचा करके बनाया जाए तो न सिर्फ इससे अतिक्रमण की समस्या समाप्त होगी बल्कि जल भराव की समस्या भी समाप्त हो जाएगी। व्यापारी सतीश कुमार कहते हैं कि होमगंज बाजार में बिजली के तारों का मकड़जाल फैला हुआ है। एक-एक खंभे से कई घरों व दुकानों में बिजली के कनेक्शन दिए गए हैं, लेकिन तारों को व्यवस्थित नहीं किया गया है। बिजली के उलझे तारों से सुंदरता बिगड़ने के साथ ही खतरा बढ़ रहा है।
फुटपाथ तक दुकानदारों का कब्जा
बाजार अब अव्यवस्थाओं की मार झेल रहा है। अस्थायी दुकानदारों ने फुटपाथ तक कब्जा कर रखा है। यहां पर दुकानदारों के वाहन खड़े होने के बाद पैदल निकलने का रास्ता नहीं रह जाता। मजबूरी में जिसको जहां जगह मिलती है, वहां पर वाहन खड़ा कर देते हैं। व्यापारी प्रदीप गुप्ता ने कहा कि दोपहर में स्कूलों की छुट्टी के समय बाजार में जाम की समस्या पैदा हो जाती है गर्मियों में यह समस्या और ज्यादा गंभीर हो जाती है।
सुझाव--
1. सुलभ शौचालय की व्यवस्था होमगंज व मुख्य बाजार में होनी चाहिए ताकि वहां आने वाले लोगों को परेशानी ना हो।
2. नो एंट्री में मंडी से सामान उतारने के बाद वापस जाने वाली गाड़ियों को शामिल न किया जाए।
3. बाजार में जगह-जगह लटक रहे बिजली के तारों को दुरुस्त किया जाए।
4. पुलिस की गश्त भी होती रहे जिससे सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रहेगी चोरी और लूट की घटनाएं कम होगी।
5. किराना दुकानों के पास वाटर कूलर लगवा जाएं जिससे आने वाले लोगों को गर्मी के मौसम में दिक्कत न हो।
समस्या---
1. सार्वजनिक शौचालय बाजार में नहीं होने से दुकानदार समेत ग्राहक परेशान होते हैं।
2. सफाई व्यवस्था नियमित होती है इसके बावजूद कूड़ा करकट हर जगह दिखाई देता है।
3. बड़े वाहनों पर रोक लगने से व्यापारियों को माल लाने ले जाने में समस्या होती है इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
4. पुलिस गश्त नियमित नहीं होती कारोबारी और ग्राहकों की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाए।
5. आग बुझाने के लिए बाजार में वाटर पॉइंट नहीं है यदि कहीं हादसा हो गया तो इससे निपटना मुश्किल होगा इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
बाजार में वाहनों का तय किया जाए। वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था की जाए जिससे जाम की समस्या से राहत मिले।
- सचिन
माल वाहनों से अवैध वसूली बंद की जाए सामान लाने ले जाने पर भी टैक्स कम होना चाहिए।
- राजेश कुमार
बिजली के तारों को दुरुस्त किया जाए। जलभराव की समस्या से निपटने के भी इंतजाम किया जाए।
- शिवम
नो एंट्री की व्यवस्था बदलनी चाहिए बाजार के लिए जरूरी है क्योंकि हर समय माल आता और जाता रहता है।
- सतीश कुमार
बाजार में वाटर कूलर आदि की व्यवस्था की जाए जिससे पानी की समस्या से परेशान न होना पड़े।
- संदीप शर्मा
दुकानों के सामने की सड़क टूटी हैं जिन्हें दुरुस्त कराया जाए। बजबजाती नालियों की साफ सफाई होनी चाहिए।
- जितेंद्र
रास्ते में खाली जगह पर कूड़ा पड़ा रहता है जिसको समय से उठाया जाए जिससे बाजार स्वच्छ दिखाई दे।
- सौरभ जैन
दुकानों के सामने लोग फड़ लगा लेते हैं साथ ही ई रिक्शा व अन्य वाहन भी खड़े हो जाते हैं जिससे परेशानी होती है।
- विजय
शौचालय की समस्या गंभीर है पालिका को ध्यान देना चाहिए दुकानदार और ग्राहक समस्या से परेशान है।
- रंजीत कुमार
दुकानदारों से जो शुल्क लिया जाता है वह नहीं लेना चाहिए। अन्य टैक्स पर भी लिमिट निर्धारित हो।
- रुस्तम
नालियों में भरी गंदगी के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दुर्गंध से बैठना दुश्वार हो जाता है।
- आनंद कुमार
किराना मंडी से राजस्व मिलता है पर पेयजल की व्यवस्था नहीं है। 12 महीने लोग खरीद कर पानी पीते हैं।
- संदीप
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