बोले इटावा: आग का खतरा, पानी से लाचार.. गुदड़ी बाजार
Etawah-auraiya News - बोले इटावा: आग का खतरा, पानी से लाचार.. गुदड़ी बाजारबोले इटावा: आग का खतरा, पानी से लाचार.. गुदड़ी बाजार
हर का गुदड़ी बाजार 40 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहा है पर यहां के व्यापारियों को यह पीड़ा सालती है कि बुनियादी सुविधाएं मिलने का उनका हक तक नहीं मिल पाया। इसका सीधा असर बिक्री पर पड़ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि जिला और मंडलीय व्यापार बंधु बैठक में इस बाजार का प्रतिनिधित्व तय किया जाए ताकि हम व्यापारी भी अपनी समस्याएं बता सकें। व्यापारी संजीव अग्रवाल बताते हैं कि गलियां इतनी तंग हैं कि बाइक लेकर गुजरना भी आसान नहीं है। आगजनी की घटना होने पर दमकल के वाहन बाजार के अंदर नहीं आ पाते। इससे व्यापारियों को ज्यादा नुकसान हो जाता है। वहीं आग बुझाने में दमकल कर्मियों को एड़ी से चोटी का जोर लगाना पड़ता है। महेश चंद्र अग्रवाल बताते हैं कि तीस साल पहले शॉर्ट सर्किट से आग लगने से करीब 25 दुकानें जलकर राख हो गई थीं। 20 साल पहले भी एक अग्निकांड हो चुका है। आग का खतरा, पानी से लाचार है गुदड़ी बाजार के व्याापरी।
वाटर हाईडेंट भी हो गए गायब
मुख्य बाजार में तहसील चौराहे और नगर पालिका चौराहे के पास बनवाए गए वाटर हाईडेंट भी गायब हो गए हैं। व्यापारियों ने बताया कि 20 साल पहले लगी आग को बुझाने के लिए जिम्मेदारों को हाईडेंट ढूंढने में ही घंटों लग गए थे, इससे बड़ा नुकसान हो गया था। 30 फीसदी तक बिक्री पर असर: कपड़ा व्यापारी जागेश्वर अग्रवाल ने बताया इटावा बुनकरों का गढ़ कहा जाता था। गुदड़ी बाजार के गद्दीदार यहां से कपड़ा खरीदकर दूसरे जनपदों से आने वाले व्यापारियों को बेचते हैं। यहां के पर्दे, चादर, लुंगी और गमछे आदि बहुत मशहूर हैं। उनका पुराना अस्तित्व बरकरार रहा पर वर्ष 1990 के दशक के बाद यहां के बिजनेस को पता नहीं किसकी नजर लगी धीरे-धीरे कारोबार कम होने लगा। ऑनलाइन खरीदारी का भी बाजार की बिक्री पर असर पड़ने लगा है। आश्वासन ही मिलते, धरातल पर नहीं होता काम: मुकेश बताते हैं कि हम व्यापारियों को चुनाव के समय सिर्फ आश्वासन ही मिलते हैं। दस साल पहले तत्कालीन कबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने आधुनिक और सुविधायुक्त बाजार बनाने की घोषणा की थी। तक उम्मीद जगी थी कि विकास कार्य होगा। लेकिन आज-तक इस बाजार को कोई सुविधा नहीं मिली है। अब्दुल रज्जाक ने बताया व्यापारी समय से दुकानों का किराया दे रहे हैं। नगर पालिका दुकानों का किराया बढ़ाने का भी विचार कर रही है। लेकिन कई दशकों से इस बाजार की गलियां तक नहीं बनीं।
बाजार में ड्रेनेज सिस्टम नहीं: दिनेश बताते हैं कि जलनिकासी न होने की वजह से बारिश में जलभराव की समस्या से जूझना पड़ रहा है। पीने के पानी से लेकर शौचालय की भी यहां कोई व्यवस्था नहीं है। व्यापारियों को दुकान छोड़कर तहसील के शौचालयों में जाना पड़ता है। व्यापारियों की मांग है कि बंद प्याऊ की जगह अगर शौचालय बन जाए तो काफी राहत मिलेगी।
वाहनों के लिए जगह नहीं, ग्राहक हो रहे कम :तहसील चौराहा से नगर पालिका चौराहा के बीच संकरी गलियों में पुराना गुदड़ी बाजार बसा है। बाजार के अंदर और बाहर कुल 522 दुकानें हैं। गुदड़ी बाजार के पांच गेट हैं इन गेट से दो बाइक एक साथ नहीं निकल सकती हैं। दुकानों के बाहर ग्राहकों के बैठने के लिए बेंच भी रखी हुई हैं। शिवम कुमार ने बताया कि बाजार में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था सही नहीं है। यहां नियमित सफाई कर्मी नहीं आते, इस वजह से कचरे के ढेर लग जाते हैं।
सुरक्षा की नहीं है कोई गारंटी, अराजकतत्वों का रहता जमावड़ा
गुदड़ी बाजार की गलियां काफी संकरी हैं, रात में यहां अराजकतत्व शराब पीते हैं। रंजन कुमार ने बताया कई बार गुदड़ी बाजार की दुकानों के ताले तोड़कर चोरी हो चुकी है। उसके बाद भी यहां रात में पुलिस गश्त नहीं करती है। पुलिस कर्मी तहसील चौराहा पर तैनात रहते हैं पर बाजार की सुरक्षा को लेकर पुलिसकर्मियों की पिकेट नहीं तैनात की जाती। जबकि व्यापारी एसएसपी से यह मांग कर चुके हैं। उसके बाद भी अभी तक सिपाही या होमगार्ड तैनात नहीं किए गए हैं। कई दुकानों में यहां सीसीटीवी कैमरे तक नहीं हैं। यदि वारदात हो जाए तो आरोपी कैमरे में कैद नहीं होते। गौरतलब है कि शहर का प्राचीन एवं प्रसिद्व गुदड़ी बाजार में कपड़े से लेकर सोना, चांदी, बर्तन, जूता, जनरल स्टोर और पान मसाला सहित अनेक प्रकार के सामानों की दुकानें हैं। बाजार की विशेषता इसी से समझ सकते हैं कि यहां तक कहा जाता है कि जो सामान कही न मिले गुदड़ी बाजार में मिल जाएगा।
40 साल से नहीं बनी गलियां
राजीव कुमार अग्रवाल ने बताया बाजार में कई बार सड़क बनवाने की मांग नगर पालिका में की गई है। करीब 40 साल से यहां की गलियां नहीं बनी हैं। गुदड़ी बाजार में तीन पहिया के ठेलों से कपड़ा आता है। कपड़े की गांठों में काफी वजन होता है। गलियां क्षतिग्रस्त होने से कई बार तीन ठेलों के पहिये टूट चुके हैं। क्षतिग्रस्त गली में ठेले फंसने से आने-जाने का रास्ता बंद हो जाता है। इसके बाद भी अफसर समस्या के निस्तारण के लिए गंभीर नहीं है।
गुदड़ी बाजार के व्यापारियों की जो भी समस्याएं हैं उनका समाधान कराने का प्रयास करेंगे। अगर सफाई नहीं हो रही है तो इसकी औचक जांच कराई जाएगी। पेयजल की भी व्यवस्था कराई जाएगी। व्यापारियों को कोई परेशानी है तो हमसे सीधे सम्पर्क कर सकते हैं। समस्या का निस्तारण कराया जाएगा। ज्योति गुप्ता, अध्यक्ष, नगर पालिका
सफाई और कूड़ा उठान की नियमित व्यवस्था के संबंध में कई बार आग्रह हुआ है लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ।
- दिनेश
गुदड़ी बाजार में पुलिस गश्त की व्यवस्था की जाए, निजी सुरक्षा कर्मियों के सहारे दुकाने हैं।
-पंकज
बाजार का विकास हो जाए तो सहूलियत मिल जाएगी।अचरज है कि इस ओर प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा।
-अमित कुमार
बुनियादी सुविधाएं न मिलने से ग्राहकों की संख्या में गिरावट आ रही। व्यापारी दुकानें बंद करने को मजबूर हो रहे।
-प्रिंस अग्रवाल
यह शर्मनाक है कि नगर पालिका इस बाजार में शौचालय और पेयजल की व्यवस्था नहीं करा पाया है।
-आबिद
सुगम व्यापार के लिए माहौल बनाना विभागों की जिम्मेदारी है मगर वे निभाते नहीं। व्यापार में पुरानी जैसी बात नहीं है।
-मुकेश
बाहर के व्यापारी बाजार में शौचालय और पेयजल की व्यवस्था न होने से परेशान होते हैं।
-दिनेश चंद अग्रवाल
सुविधाओं से जुड़े विभागों की जवाबदेही तय होनी चाहिए। प्रशासन को जल्द ही वाटर हाइडेंट लगवाने चाहिए।
-साबिर
इस बाजार की अगर समस्याओं का हल नहीं हुआ तो पुराना अस्तित्व और कारोबार खत्म हो जाएगा।
-नवीन जैन
समय पर किराया और जीएसटी भी देते हैं। लेकिन बाजार के व्यापारियों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है।
- जागेश्वर
व्यापारियों से बातकर प्रशासन वाहनों की पार्किंग स्थल तय करें तो ग्राहकों की समस्या दूर होगी।
-महेश चंद्र अग्रवाल
गुदड़ी बाजार में शौचालय तक नहीं है। महिलाएं असहज होती हैं। तत्काल समस्या का निदान जरूरी है।
-सत्य सिंह सोनी
सुझाव--
बंद प्याऊ की टंकी हटाकर शौचालय बनवाया जाए। गुदड़ी बाजार के दुकानदारों को तहसील में जाना पड़ता है।
बाजार में कम से कम दो बार झाडू लगवाने और एक बार कूड़ा उठाने की व्यवस्था हो।
पेयजल की व्यवस्था की जाए। साथ ही वाटर कूलर लगे।
जिला और मंडलीय व्यापार बंधु बैठक में इस बाजार का प्रतिनिधित्व तय किया जाए ताकि व्यापारी अपनी समस्याएं बता सकें।
नगर पालिका की टंकी से कनेक्शन करके गुदड़ी बाजार में वाटर हाइडेंट लगने चाहिए।
समस्या---
प्रशासन गुदड़ी बाजार की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इसी वजह से व्यापार प्रभावित हो रहा है।
नगर पालिका का सफाईकर्मी बाजार में समय से नहीं आता। नालियां चोक होने से बरसात के दौरान ज्यादा समस्या होती है।
चार दशक से बाजार में शौचालय की मांग की जा रही है। इस समस्या को नगर पालिका में कई बार बताया जा चुका है।
उद्योग बंधु की किसी बैठक में बाजार के विकास का कोई ढांचा तैयार नहीं किया जा रहा है।
वाटर हाइडेंट की कोई सुविधा न होने से व्यापारी डेंजर जोन में हैं।
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