इटावा में ब्रह्माणी देवी मंदिर पर कराया कन्या भोज, पखारे चरण
Etawah-auraiya News - यमुना नदी की तलहटी में स्थित प्राचीन ब्रह्माणी देवी मंदिर में रामनवमी के अवसर पर भव्य कन्या भोज का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में 101 कन्याओं को भोजन कराया गया, जिसमें देवी पूजन, आरती और उपहार वितरण शामिल...

यमुना नदी की तलहटी में स्थित प्राचीन ब्रह्माणी देवी मंदिर प्रांगण में रामनवमी के पावन अवसर पर भव्य कन्या भोज का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को सीओ नागेंद्र चौबे एवं बलरई थाना प्रभारी निरीक्षक बलराम मिश्रा द्वारा आयोजित किया गया। धार्मिक उत्साह और भक्ति भाव के साथ आयोजित इस कार्यक्रम में कुल 101 कन्याओं को भोजन कराया गया। कार्यक्रम की शुरुआत देवी पूजन एवं आरती के साथ हुई। तत्पश्चात अधिकारियों द्वारा कन्याओं के चरण धोकर उन्हें आदरपूर्वक आसन पर बैठाया गया। कन्याओं को विविध व्यंजन परोसे गए और सभी को उपहार स्वरूप चुनरी, फल एवं मिठाई दी गई। उपस्थित जनसमुदाय ने पूरे आयोजन को श्रद्धा और सेवा भावना से परिपूर्ण बताया। सीओ नागेंद्र चौबे एवं प्रभारी निरीक्षक बलराम मिश्रा ने भी मंदिर में माता रानी के दरबार में शीश नवाकर क्षेत्र की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि कन्या पूजन हमारी सनातन संस्कृति की परंपरा का महत्वपूर्ण अंग है, जो हमें नारी शक्ति के सम्मान का संदेश देती है। इस मौके पर मंदिर समिति के पदाधिकारीगण, स्थानीय श्रद्धालु, और पुलिस विभाग के कई अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। समूचा वातावरण भक्ति और उल्लास से ओतप्रोत रहा। कार्यक्रम का समापन माता की आरती और प्रसाद वितरण के साथ सम्पन्न हुआ।
रामनवमी पर मंदिरों में हुआ विशेष पूजन, गूंजे घंटा घड़ियाल
रविवार को रामनवमी पर समूचे क्षेत्र में मंदिरों में भगवान श्रीरामचंद्र जी की पूजा कर आरती उतारी गई। बकेवर कस्बा स्थित गोपाल मंदिर में, लखना स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में, मातन मोहाल मंदिर में, ग्राम कुड़रिया स्थित रामचंद्र महाराज के मंदिर में, भरईपुर लुधियानी स्थित श्रीराम जानकी मंदिर में, कस्बा बकेवर स्थित वन खंडेश्वर मंदिर आश्रम पर भगवान श्रीरामचंद्र की पूजा अर्चना की गई। शंख घड़ियाल से समूचा क्षेत्र भए प्रगट कृपाला के शोर से गुंजायमान हो गया। चारों ओर ग्रामीण क्षेत्रों में मंदिरों में भजन पूजा आरती के साथ ही प्रसाद वितरण किया गया। भगवान श्रीरामचंद्र का भोग लगाकर उनके भोग को प्रसाद को लोगों में वितरित किया गया। चरणामृत पंजीरी का प्रसाद वितरण किया गया। मंदिरों में देर शाम तक भजन कीर्तन की ध्वनि गूंजती रही।
देवी मंदिरों व घरों पर भी हुआ कन्या पूजन व भड़ारे का आयोजन
बासंतिक चैत्र नवरात्र की नौवीं तिथि पर रविवार को घर-घर में कन्याओं का पूजन किया गया। उन्हें भोज कराने के बाद उपवास रखने वाले देवी भक्तों ने व्रत का परायण किया। लखना के कालका देवी मंदिर सहित क्षेत्र के अन्य देवी मंदिरों में नवरात्र के अंतिम दिन मातारानी के दर्शनों को श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा। भोर से ही शुरू हुआ मां की आराधना और उपासना का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। घरों व मंदिरों में हवन-पूजन कर पूर्णाहुति दी गई। मां दुर्गा की नौवें स्वरूप माता सिद्धिदात्री की आराधना की गई। सुबह जल्दी उठकर देवी भक्तों व व्रतियों ने माता सिद्धिदात्री का आह्वान किया और अज्ञारी डाली। लखना कालकाजी मंदिर सहित क्षेत्र के अन्य देवी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। श्रद्धालुओं की ओर से नवमी पर मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना भी कराई गई। लखना कालकाजी मंदिर के प्रबंधक रविशंकर शुक्ला लखना राज द्वारा अनवरत आठ दिन तक मंदिर प्रांगण में भंडारे का आयोजन किया गया जिसका कि समापन माता रानी के विशेष पूजन अर्चन के साथ किया गया।
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