गींजा के संक्रमित परिवार के सदस्यों से भी की बात, बढ़ाया हौसला
इटावा। दोपहर 1 बजकर 10 मिनट पर मुख्यमंत्री का काफिला सैंफई के गांव गींजा
इटावा।
दोपहर 1 बजकर 10 मिनट पर मुख्यमंत्री का काफिला सैंफई के गांव गींजा पहुंचा। पहले से ही गांव के निरीक्षण की पूरी तैयारी की गयी थी। लिहाजा लोग भी गांव में अपने घरों के बाहर या दरवाजों पर बैठकर सब कुछ देख रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री सबसे पहले यहाँ स्कूल में उनके रुकने के व्यवस्था स्थल पर पहुंचे। जहाँ पहले से ही ग्राम प्रधान व निगरानी समिति के सभी 11 सदस्य मौजूद थे। मुख्यमंत्री मंत्री ने सभी का हाल पूछा। ग्राम प्रधान राधाकृष्ण व निगरानी समिति के सदस्यों से गांव में चल रही व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने पूछा कि क्या समिति के सदस्यों के पास पल्स ऑक्सीमीटर व थर्मल स्कैनर मौजूद है जिसपर समिति के सदस्यों ने सभी चीजें उपलब्ध होने की जानकारी दी जिसपर मुख्यमंत्री ने एक आशा से उसे चलाने के तरीके की भी जानकारी ली। उन्होंने ग्राम प्रधान राधाकृष्ण से पूछा कि वे किसी दबाव में काम तो नहीं कर रहे। इस पर ग्राम प्रधान का कहना था कि वह अपनी इच्छा से जनता की सेवा के लिए कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री यहाँ सात मिनट तक रुके। उसके बाद मुख्यमंत्री ने गांव के ही राजेश बाबू राठौर के घर के बाहर पहुंच कर परिजनों से मुलाकात की। सभी लोग उनके आने की सूचना पर पहले से ही बाहर बैठे थे। बता दें कि राजेश बाबू की पत्नी की कोरोना संक्रमण के बाद मौत हो चुकी है जबकि वह खुद भी संक्रमण की चपेट में आए थे। ऐसे में मुख्यमंत्री ने उनकी बीएससी कर रही बेटी लक्ष्मी से बातचीत की और उसे सरकार की ओर से पूरी मदद का आश्वासन दिया। पास में ही एक दूसरे घर के संक्रमित हुए लोगों से भी उन्होंने हालचाल लिया। इस मौके पर सभी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बीडीओ सैफई उपायुक्त स्वरोजगार बीआर अंबेड मौजूद रहे।
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