आदतों में आया बदलाव, 54 फीसदी बढ़े डेटा यूजर
Etawah-auraiya News - लॉकडाउन के 50 दिन पूरे होने के साथ लोगों के जीवन में आए बदलाव और आदतों में परिवर्तन ने जीवन जीने की कला को एक नया आयाम दिया है। मल्टीनेशनल कंपनियों से लेकर सरकारी कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम की...
लॉकडाउन के 50 दिन पूरे होने के साथ लोगों के जीवन में आए बदलाव और आदतों में परिवर्तन ने जीवन जीने की कला को एक नया आयाम दिया है। मल्टीनेशनल कंपनियों से लेकर सरकारी कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा वर्चुअल क्लास और ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से भी इंटरनेट के प्रयोग में बढ़ोतरी हुई है। यहीं कारण है कि जिले में लॉक डाउन के दौरान 54 फ़ीसदी डेटा यूजर की संख्या बढ़ी है। सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां डेटा प्रयोग से उत्साहित हैं ,हालांकि अधिक मांग होने से डेटा स्पीड को लेकर दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। जिले में पांच प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां काम करती हैं। जिसमें बीएसएनल, जिओ नेटवर्क, एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया शामिल है। इन कंपनियों के जिले में आठ लाख से अधिक मोबाइल डेटा यूजर हैं। जो अलग-अलग कंपनियों का नेट यूज़ करते हैं। ऐसे में वर्क फ्राम होम, इंटरनेट का इस्तेमाल, ऑनलाइन सेवाएं का उपयोग 54 फीसदी बढ़ गया है। 25 मार्च से 25 अप्रैल के एक माह की अवधि में जहां 30 फ़ीसदी डेटा यूज़र की संख्या बढ़ी। वहीं 25 अप्रैल के बाद 11 मई तक यह 54 फ़ीसदी तक पहुंच गयी। मांग बढ़ने से कंपनियों पर भी लोड बढ़ रहा है। वहीं दूसरी ओर नेट स्लो होने की समस्या भी लगातार गहरा रही है। हालांकि कंपनियों का कहना है कि महानगरों के मुकाबले छोटे जिलों में डाटा यूज़ लिमिट सीमित होती है। ऐसे में फिलहाल कंपनियों को कोई समस्या नहीं है।
मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर अब भी जरूरी है एहतियात
इटावा। लॉकडाउन के दौरान हमारी आदतों में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, हाथ धोना आदि शामिल हुए है। लेकिन अब भी जिले में मास्क, सोशल डिस्टेंस को लेकर एहतियात की जरूरत है। भले ही जिले में फिलहाल कोई कोरोना पॉजटिव व्यक्ति न हो लेकिन इसके बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग अथवा मास्क का प्रयोग न करने पर जरा सी लापरवाही किसी बड़े संकट को दावत दे सकती है। जिले में 23 फ़ीसदी लोग अब भी मास्क अथवा सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं कर रहे। ऐसे में बाकी के 70 फ़ीसदी लोगों के प्रयासों को झटका लग सकता है। प्रशासन बाजार खुलने से लेकर औद्योगिक इकाइयों के शुरू होने तक पहली अनिवार्य शर्त के रूप में मास्क, सोशल डिस्टेंस को शामिल कर चुका है, लेकिन इसके बावजूद सुबह खुलने वाले बाजार में फल व सब्जी आदि के ठेले सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को धड़ाम कर देते हैं तो वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में लोग मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे। लिहाजा प्रशासन और 77 फ़ीसदी लोगों द्वारा किए जा रहे प्रयासों को झटका न लगे इसके लिए अब भी मास्क व सोशल डिस्टेंस को लेकर एहतियात बरतने की जरूरत है। 2011 की जनगणना आंकड़ों के अनुसार जिले की आबादी 17 लाख से अधिक है । ऐसे में सभी के पास मास्क उपलब्ध हो इसके लिए प्रशासन,स्वयंसेवी संस्थाएं, जनप्रतिनिधि, आम लोग भी बढ़-चढ़कर मास्क वितरण कर रहे हैं।
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