Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़इटावाBhagwan Kishan Swaroop appears on loss of religion

धर्म की हानि होने पर अवतरित होते हैं भगवान किशन स्वरूप

इटावा। हिन्दुस्तान संवाद नगर के पुरविया टोला तलैया मैदान स्थित बाबूराम मंदिर पररों ओर त्राहि-त्राहि मच गई, चारों ओर अत्याचार, अनाचार का साम्राज्य...

Newswrap हिन्दुस्तान, इटावा औरैयाThu, 25 Feb 2021 05:30 AM
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इटावा। हिन्दुस्तान संवाद

नगर के पुरविया टोला तलैया मैदान स्थित बाबूराम मंदिर पर हो रही श्री मद् भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथा के दौरान जैसे भगवान का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान लोग झूमने-नाचने लगे। भगवान श्रीकृष्ण की वेश में नन्हें बालक के दर्शन करने के लिए लोग लालायित नजर आ रहे थे। भगवान के जन्म की खुशी पर महिलाओं ने भगवान को भोग लगाया।

इस अवसर पर साहित्याचार्च आचार्य पं किशन स्वरूप दुवे ने कहा कि जब धरती पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई, चारों ओर अत्याचार, अनाचार का साम्राज्य फैल गया तब भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं का वर्णन किया।भगवान श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। उन्होने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा।

आचार्य दुबे ने कहा कि सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। कथा के परीक्षित श्रीपत ने भगवान की आरती उतारी और सभी को प्रसाद वितरित किया।

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