बोले इटावा: हमारे ठिकानों पर बसें और बाजार, हम कहां जाए...
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माल गोदाम रोड पर फुटपाथ की चौड़ाई अधिक होने से प्रशासन ने एक साल पहले ऑटो स्टैंड बनाया। यहां से बकेवर, भरथना, बसरेहर व कचौरा के लिए ऑटो चलते हैं। चालक अनिल बताते हैं कि ऑटो स्टैंड के बोर्ड लगे होने के बाद भी अतिक्रमणकारी कब्जा जमाए हैं, फुटपाथ पर अवैध दुकानें सज जाती हैं। ऑटो स्टैंड के लिए जगह अलॉट होने के बाद भी कब्जाधारी ऑटो खड़े होने नहीं देते। आए दिन मारपीट तक हो जाती है। ऑटो चालक राजकुमार कहते हैं कि सुबह ऑटो लेकर स्टैंड के लिए निकलते हैं। स्टैंड पर उनसे पहले चाय, नाश्ता, गोलगप्पे, कपड़े, जूते व मोबाइल कवर बेचने वाले पहुंच जाते हैं। वह यहां अपनी-अपनी दुकान सजा लेते हैं, इनके कारण स्टैंड पर जगह नहीं बचती है। ऑटो चालकों की समस्या पुलिस और प्रशासन को दिखाई नहीं देती है। वहीं टिन शेड न होने से गर्मी के मौसम में यहां दो मिनट भी खड़ा रहना मुश्किल होता है। बारिश में भीगने से बच नहीं पाते। ऑटो स्टैंड पर अतिक्रमण होने से मजबूरी में मालगोदाम गेट के आगे ऑटो खड़ा करना पड़ता है। यहां नाला खुला है। कई बार गिरने से चालक भी घायल हुए हैं।
बसें बनती जाम का कारण: चालक कुलदीप बताते हैं कि स्टैंड के नजदीक बीएसए तिराहा है। यहां रोडवेज और भरथना जाने वाली प्राइवेट बस रुक कर सवारी भरती हैं। इससे सुबह से शाम तक जाम लगता है।
ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की तैनाती, रोडवेज और निजी बसों को मिलती छूट: सलमान ने बताया कि स्टैंड से कुछ ही दूरी पर बीएसए तिराहा है। ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। इसके बावजूद तिराहे पर खड़ी होने वाली रोडवेज और भरथना जाने वाली प्राइवेट बसों को नहीं हटाते। जिससे दिन में कई बार शास्त्री चौराहा तक जाम लग जाता है। जबकि नियम है कि यहां बस खड़ी करके सवारियां नहीं भरी जा सकती हैं।
सत्यम ने बताया कोरोना काल से पहले दिल्ली के होटल में नौकरी करते थे। कोरोना फैला तो वह परिवार के साथ घर आ गए। उन्होंने लोन लेकर ऑटो खरीदा है। वह सरकार को टैक्स भी दे रहे हैं, इसके बाद भी ऑटो स्टैंड पर कोई सुविधा नहीं मिल रही है। गर्मियों के लिए यहां छांव की व्यवस्था भी नहीं है। एक माह पहले स्टैंड पर जगह न होने की वजह से उन्होंने मालगोदाम रोड के आगे अपना ऑटो खड़ा किया था। वह अनियंत्रित होकर नाले में गिर गया। उनका तीस हजार रुपये का नुकसान हो गया था।उधारी भी चढ़ गई है। प्रशासन अगर नाले पर स्लैब बनवा दे तो यह हादसे नहीं होंगे। अमित कांत ने बताया स्टैंड पर जगह न होने से वह सफेद पट्टी के अंदर ऑटो खड़ा करके सवारियां भर रहे थे। तभी ट्रैफिक पुलिस ने आकर उनका नो पार्किंग बता चालान कर दिया।
सुझाव---
1. ऑटो स्टैंड पर टीन शेड लगने से ऑटो चालक सहित यात्रियों को धूप और बारिश से राहत मिलेगी। इस पर कई बार शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ।
2. बीएसए तिराहा पर रोडवेज व प्राइवेट बसों के रुकने पर ट्रैफिक पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए।
3. ऑटो स्टैंड पर शौचालय की संख्या बढ़नी चाहिए, इससे यहां आने वाली महिला सवारियों को भी सुविधा मिलेगी, इसके अलावा प्याऊ की भी व्यवस्था हो।
4. मालगोदाम रोड पर बने नाले पर स्लैब बनने से हादसे नहीं होंगे। बारिश के मौसम में आए दिन ऑटो चालक और सवारियां हादसे का शिकार होती हैं।
5. मालगोदाम रोड पर बने स्टैंड से अतिक्रमण हट जाए तो ऑटो सड़क पर नहीं खड़े करने पड़ेंगे। कूड़े के ढेर को नियमित रूप से साफ किया जाए।
समस्या-
1. रोडवेज और भरथना जाने वाली प्राइवेट बसें ऑटो स्टैंड पर रुक जाती हैं। इससे जाम लगता है।
2. भरथना रोड पर प्राइवेट बस संचालक ऑटो चलने का विरोध करते हैं। शहर से जाने वाले ऑटो को भरथना में घेरा जाता है।
3. भरथना चौराहा पर सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। यहां आए दिन गड्ढों की वजह से ऑटो पलट जाते हैं।
4. बस स्टैंड तिराहा पर रोडवेज बस खड़ी करके सवारियां भरी जाती हैं। पुलिस ऑटो में डंडे मारती है। जबकि रोडवेज बसों को तिराहे पर खड़ा नहीं होना चाहिए।
5. ठेले खोमचे वाले मालगोदाम गेट के सामने कचरा फेंकते हैं। इससे अन्ना पशु इकट्ठा हो जाते हैं। कचरे की दुर्गंध से यहां खड़ा भी नहीं हुआ जा सकता।
नगर पालिका क्षेत्र में कुल पांच स्टैंड बनाए गए
चालक सुनील वर्मा ने कहा कि करीब डेढ़ वर्ष पहले नगर पालिका क्षेत्र में कुल 5 स्टैंड बनाए गए हैं, जिनके साथ रूट निर्धारित किया गया है। पालिका व नगर पंचायत को एक यूनिक नंबर दिया गया था इसके अलावा पालिका व नगर पंचायत के निर्धारित ऑटो स्टैण्ड का भी एक आईडेंटिफाई नंबर निर्धारित किया गया था। इसके बाद रूट का नंबर था और इन सभी के साथ ऑटो का रजिस्ट्रेशन नंबर भी दर्ज किया किया जाना था। लेकिन यह योजना अभी तक परवान नहीं चढ़ सकी।
प्रतिबंध के बाद भी स्टैंड पर आ रही बसें
प्रमोद शुक्ला ने बताया दो साल पहले प्रशासन ने प्राइवेट भरथना बस अड्डे को अशोक नगर में शिफ्ट कराया था। उन बसों का वहीं से संचालन होना था। इसके बावजूद भी भरथना से लौटने वाली बसें बीएसए कार्यालय के सामने आकर सवारियां उतारती हैं। यहां प्रतिबंध होने के बाद भी गुरुतेग बहादुर पुल के नीचे बसें आती हैं और यहीं से सवारियां लेने लगती हैं।
जीरो डाउनपेमेंट पर मिले ऑटो
संजय शुक्ला ने बताया वह दस साल से किराए का ऑटो चला रहे हैं। पर वह ऑटो नहीं खरीद सके, दिनभर मेहनत करने के बाद जितना रुपया आता है। घर का खर्च हो जाता है, और ऑटो मालिक को किराया दे देते हैं। वह कहते हैं कि किराये पर ऑटो चलाने वाले चालकों की संख्या ज्यादा है। उनके लिए सरकार जीरो डाउन पैमेंट पर ऑटो दिलवाए और उस पर सब्सिडी भी मिले।
ऑटो चालकों की नहीं होती सुनवाई
रविंद्र सिंह का कहना है कि सवारियां अगर ऑटो में सामान भूल जाती हैं तो चालक उन्हें ऑटो स्टैंड पर जमा करा देते हैं। इसके बाद भी पुलिस ऑटो चालकों को प्रताड़ित करती है। अगर कोई ऑटो चालक पर आरोप लगा दे तो पुलिस उसे थाने में बैठा लेती है। इससे चालकों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है।
ऑटो-चालकों की समस्यां की कोई सुध लेने वाला नहीं है, अफसर बैठक कर समस्या सुनें।
-दिनेश कुमार
पक्का बाग हाईवे से शहर की ओर कट पर सड़क खुदी पड़ी है। रात में यहां गड्ढे दिखाई नहीं देते हैं।
-राजेश कुमार
डग्गामार वाहन चालक ऑटो में कट मारकर भय पैदा करते हैं। जिससे इनके रूट पर ऑटो न चल सकें।
-अजय
चालकों के परिवार के लिए स्वास्थ्य कैंप लगाना चाहिए। आयुष्मान कार्ड की सुविधा मिलनी चाहिए।
-मुकेश बाबू
स्टैंड पर अतिक्रमणकारी चालकों से अभद्रता करते हैं। शिकायत पुलिस से की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
-आदेश
हाईवे पर सर्विस रोड पर बड़े वाहन खड़े रहते हैं। इससे ऑटो हादसे होते है। पुलिस कार्रवाई नहीं करती है।
- निशार खान
पालिका ऑटो चालकों से टैक्स वसूलती है, फिर भी ऑटो चालकों के लिए टिनशेड तक नहीं लगवाया। -राजीव
एक साल पहले हर रूट पर एक नंबर दिया गया था। यह लागू नहीं हुआ है। इससे सवारियां परेशान होती हैं।
-सुमित
ऑटो स्टैंड पर प्रशासन से कोई मदद नहीं मिलती है। अन्य शहरों में यह व्यवस्था प्रशासन कराता है।
-कुलदीप
ऑटो का बीस किमी का परमिट होता है, उसके बाद भी पुलिस भरथना जाने पर सीज करने की धमकी देती है।
-निर्दोष
ऑटो भरथना जाता है तो बसों के चालक विरोध करते हैं। एक माह पहले रूट पर ऑटो को प्रतिबंध कर दिया।
-अनिल
नियमों का पालन करते चलें तो चालान की नौबत नहीं आएगी। ये चालान होने पर पुलिस पर वसूली के आरोप लगाते हैं। टेंपो स्टैंड पर अवैध कब्जे की जानकारी नहीं थी, अभियान चलाया जाएगा।
- रामदमन मौर्य, सीओ ट्रैफिक
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