श्रीमद भागवत कथा के श्रवण से राजा परीक्षित को मिली थी श्राप से मुक्ति
Etah News - कथाव्यास पंडित नारायण दास द्विवेदी ने कहा कि श्रीमद भागवत कथा मोक्षदायिनी है। राजा परीक्षित को श्राप से मुक्ति मिली थी। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि मनुष्य प्रतिदिन कई पाप करता है और प्रायश्चित ही...
कथाव्यास पंडित नारायण दास द्विवेदी ने शुक्रवार को कहा कि श्रीमद भागवत कथा मोक्षदायिनी है। कथा श्रवण से ही राजा परीक्षित को श्राप से मुक्ति मिली थी। मोहल्ला कछपुरा में चल रही श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन राजा परीक्षित की कथा सुनाते कथा व्यास ने कहा कि मनुष्य जीवन में जाने अनजाने प्रतिदिन कई पाप होते हैं। उनका ईश्वर के समक्ष प्रायश्चित करना ही एक मात्र मुक्ति पाने का उपाय है। जब राजा परीक्षित राज पाठ छोड़कर कथा सुनने के लिए गंगा तट पर बैठे, तब स्वर्ग से देवताअमृत कलश लेकर वहां उपस्थित हुए। सातवें दिन तक्षक नामक का सर्प के काटने से मौत हो जाएगी। समीक ऋषि को जब यह पता चला तो उन्होंने अपनी दिव्य दृष्टि से देखा कि यह तो महान धर्मात्मा राजा परीक्षित है और यह अपराध इन्होंने कलियुग के वशीभूत होकर किया है। समीक ऋषि ने यह सूचना जाकर परीक्षित महाराज को दी कि आज से सातवें दिन तक्षक नामक सर्प काट लेगा। यह सुनकर परीक्षित महाराज अपना राज्य अपने पुत्र जन्मेजय को सौंपकर गंगा नदी के तट पर पहुंचे। वहां पर बड़े-बड़े ऋषि, मुनि देवता आ पहुंचे और अंत मे व्यास नंदन शुकदेव वहां पर पहुंचे। इस मौके पर कथा आयोजक व व्यवस्थापक कश्मीर शाक्य सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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