शहर के ज्यादातर सार्वजनिक शौचालयों में पड़े हुए ताले
स्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्ष 2020-21 में शहर के अंदर पांच-पांच सीट के कुल 16 सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण पालिका के माध्यम से कराया गया था।सार्वजनिक
स्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्ष 2020-21 में शहर के अंदर पांच-पांच सीट के कुल 16 सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण पालिका के माध्यम से कराया गया था। इन सभी शौचालयों को बनाने में सरकार का कुल 62 लाख 72 हजार रुपये का खर्च हुआ था। सरकार ने इन शौचालयों का निर्माण इस उद्देश्य से कराया था, कि शहर के लोगों को प्रसाधन संबंधी भरपूर सुविधा मिल सकेगी। साथ ही शहर में गंदगी को होने से रोका जा सकेगा, लेकिन बनाए गए इन सभी शौचालयों में से आधे पांच साल के अंदर दो से चार बाद ही खोले गए है। शहर में इन स्थानों के सामुदायिक शौचालय में पड़े रहते हैं ताले
शहर में रेलवे पुल स्थित सार्वजनिक शौचालय, गांधी मार्केट स्थित पिंक शौचालय, किश्चियन इंटर कॉलेज समीप शौचालय, उद्यान विभाग के बाहर शौचालय, आर्य विद्यालय के सामने, कलक्ट्रेट धरना स्थल वाला शौचालय, जीआईसी स्थित शौचालय, मेहता पार्क वाला शौचालय सहित अन्य कई स्थानों के सार्वजनिक शौचालय बंद पड़े है।
जिले की नगरीय निकायों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए घरेलू शौचालय
निकायों की संख्या कुल शौचालय कुल लागत
09 70180 56 करोड़ 15 लाख
बाक्स
नगरीय निकायों में सर्वाजनिक शौचालयों पर प्रति सीट किया गया खर्चा
नगरीय निकाय सीट की संख्या कुल लागत
09 123 96 लाख 43 हजार
जिले की सभी नगरीय निकायों में यूरिनल की स्थिति
निकाय यूरिनल की संख्या लागत
09 116 24 लाख 76 हजार
नोट:- निकाय क्षेत्र के आंकड़ों में मिरहची नगर पंचायत के आंकड़े शामिल नहीं है।
सकीट में आज भी लोग जाते खुले में शौंच
नगर पंचायत क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुल चार सामुदायिक शौचालय होने के साथ 98 फीसदी घरों में पक्के शौचालय बने हुए हैं। उसके बाद भी कस्बा के लोग बड़ी संख्या में मैदानों में शौच करने के जाते हैं। कस्बा के लोगों ने आज भी खुले में शौच करने की मानसिकता को नहीं बदला है।
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