रायपुर के किसानों की जमीन राजस्व विभाग के पोर्टल नहीं दर्ज
अलीगंज तहसील के सिकन्दरपुर सालवाहन पंचायत के रायपुर गाँव में किसानों की जमीन अभी तक ऑनलाइन नहीं की गई है। इससे किसानों को हस्तलिखित फर्द मिलती हैं, जो सरकारी योजनाओं के लिए मान्य नहीं हैं।...
अलीगंज तहसील क्षेत्र का एक ऐसा भी मजरा है, जो डिजिटल इंडिया के जमाने मे भी आज तक ऑनलाइन नहीं किया गया है, जिसकी वजह से यहां के किसानों को आज भी हस्तलिखित जमीनी अभिलेख फर्द (खतौनी) मिल रही है। इसकी वजह से यहां के किसानों एवं ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ नहीं मिल पा रहा है। अलीगंज तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत सिकन्दरपुर सालवाहन के मजरा रायपुर के किसानों की जमीन आज भी राजस्व विभाग की भूलेख वेबसाइड पर अपलोड नहीं है। गांव के किसानों की भूमि राजस्व विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन अपलोड न होने के कारण किसानों को कम्प्यूटर से नहीं बल्कि हस्तलिखित फर्द मिल रही हैं, जो सरकारी योजनाओं में मान्य नहीं है। इस कारण गांव के किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। साथ ही हस्तलिखित (मैनुअल) जमीन की फर्द निकलवाने के लिए किसानों को तहसील के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जबकि ऑनलाइन होने पर फर्द कंप्यूटर से कही भी निकाली जा सकती है।
राजस्व कर्मियों के अनुसार
ग्राम पंचायत सिकन्दरपुर सालवाहन का मजरा रायपुर के सभी किसानों की जमीन राजस्व विभाग के पोर्टल पर ऑनलाईन करने के संबंध में उच्चाधिकारियों को पूर्व में पत्र भी लिखा जा चुका है। जिस समय सभी ग्राम पंचायतों के गाटा संख्या ऑनलाइन किए जा रहे थे, उस समय ग्राम रायपुर का नाम तत्कालीन लेखपाल ने कम्प्यूटर में फीड किया या नहीं किया। नाम कैसे छूट गया। इस बारे में वो ही बता सकते हैं।
ग्राम पंचायत सिकन्दरपुर सालवाहन के प्रधान गवेन्द्र शाक्य ने बताया कि तहसील के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से ग्राम रायपुर के किसानों की जमीन राजस्व विभाग की वेबसाइट पर अपलोड नहीं हो पाई है, जिसकी वजह से गांव के लोगों को काफी परेशानी भी हो रही है। अगर कोर्ट में गांव का व्यक्ति किसी की जमानत लेना चाहे, तो वह नहीं ले सकता, क्यों कि वहां कम्प्यूटर की फर्द मान्य है न कि हस्तलिखित।
कम्प्यूटर वाली फर्द न मिलने से कास्तकार अपनी फसलों का रजिस्ट्रेशन नही करा पा रहे हैं, जिससे वह मक्का, धान, बाजरा सहित किसी भी प्रकार की फसल को सरकारी दर पर नही बेच पा रहे हैं। किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा। इसके अलावा गांव की जमीन ऑनलाइन न होने के कारण गांव के लोगों को किसान सम्मान निधि का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में कई बार अधिकारियों को भी अवगत कराया गया। मगर अब तक समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ।-अजय तिवारी, मजरा रायपुर।
विभागीय लापरवाही का खामियाजा गांव के किसान उठा रहे हैं। वह सरकारी योजना के लाभ से वंचित है। हमारे गांव का नाम कंप्यूटर फीड न होने के कारण बड़ी समस्या है। जब फर्द की जरूरत पड़ती है तब लेखपाल को ढूंढना पड़ता है। बिना लेखपाल के फर्द नहीं मिलती, हाथ की लिखी हुई फर्द हर जगह मान्य भी नही है। कंप्यूटर वाली फर्द तुरंत 15 रुपया में कही से भी निकल आती है। जो हर जगह मान्य होती है।-विनोद कुमार शाक्य, किसान, मजरा रायपुर।
मजरा रायपुर के किसानों की जमीन राजस्व विभाग की वेबसाइट पर अपलोड नहीं है, यह मामला अभी संज्ञान में आया है। अतिशीघ्र इस समस्या का समाधान कराया जा जायेगा।-संदीप सिंह, तसीलदार अलीगंज।
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