जिले के बागवानों को इस बार रिकॉर्ड आम उत्पादन की उम्मीद
Etah News - जिले के मारहरा, जलेसर और अलीगंज क्षेत्र में आम उत्पादन होता है। मारहरा ब्लॉक में सबसे अधिक उत्पादन होता है, जहां बागवानों को इस साल पिछले साल से बेहतर पैदावार की उम्मीद है। पेड़ बौर से लद चुके हैं, और...

जिले में ब्लॉक जलेसर, मारहरा और अलीगंज क्षेत्र में आम उत्पादन होता है। लेकिन आम उत्पादन के मामले में ब्लॉक मारहरा पहले स्थान पर आता है। क्षेत्र के बागवान उत्पादन पर अधिक फोकस देते है। इस बार क्षेत्र के बागवानों को पिछले वर्ष की अपेक्षा बेहद अच्छा आम उत्पादन होने की उम्मीद है। इसका मुख्य कारण है कि पेड़ बौर से लद चुके हैं। मारहरा क्षेत्र में कई हजार हेक्टेयर जमीन पर आम का उत्पादन होता है। कस्बा क्षेत्र में दशहरी, बम्बई, टिकारी, चौसा, तोताफनी, भूरा चपटा, देशी, टिकारी आदि लोकप्रिय बैराइटी का आम पैदा होता है। इतने किस्म का आम क्षेत्र के आसपास अन्य क्षेत्र में नही होता है। क्षेत्र के बागवानों को इस बार पिछले कई वर्षो की अपेक्षा अधिक आम उत्पादन होने की उम्मीद है। इसका मुख्य कारण है समय की शुरुआत होते ही पेड़ बौर से लद गए हैं। जिसे देख बागवानों के चेहरे खिले हुए हैं। बागवानों का कहना है कि इस बार क्षेत्र में आम का उत्पादन बड़े स्तर होगा। जबकि जिला उद्यान अधिकारी डॉ. सुनील कुमार का कहना है कि जनपद के अलीगंज, जलेसर के अलावा मारहरा क्षेत्र में लगभग 2050 हेक्टेयर भूमि पर आम का उत्पादन होता है।
इसमें मारहरा आम उत्पादन के मामले में अव्वल स्थान पर है। उन्होंने बताया कि इस बार जिले में आम के पेड़ों पर तादात से अधिक बौर आया हुआ है। इससे उम्मीद है कि अगर आंधी नहीं आई तो पिछले साल की अपेक्षा इस साल 02 से 03 फीसदी तक आम की पैदावार अधिक होगी। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि पिछले साल जिलें में 35 हजार 400 मीट्रिक टन आम का उत्पादन हुआ था। इस बार भी शासन से इतना ही उत्पादन कराने का लक्ष्य मिला है।
मारहरा के इन गांव में होता है आम का सर्वाधिक उत्पादन
क्षेत्र के गांव पिवारी, जुलापुर, नगला भीम, गोपाल पुर, नगरिया ताड़, नगरिया महमूदपुर, नगला मानसी, हयातपुर, खैरपुर, मीरापुर, सरायमोती, फरीदपुर, फतेहपुर, सोनोठ, मुईद्दीनपुर, पचपेड़ा, समसपुर, गोखनी, त्रिलोकपुर, लालपुर, खकरई, वहटा, पिदौरा, धरपसी, अफजलपुर जरैला, बुढ़िया, रसीदपुर नगरिया, मिरहची, जिन्हैरा, आलमपुर, तईयेपुर, ख्याजगीपुर, नगरिया बीच आदि क्षेत्रों में बड़े स्तर पर आम उत्पादन होता है।
मारहरा का आम जाता है देश के इन क्षेत्र में
मारहरा क्षेत्र का चौसा, टिकारी, तोताफनी और बम्बई किस्म का आम हरिद्वार, हल्द्वानी, देहरादून, जयपुर, भरतपुर, उदयपुर, जैसलमेर, अलवर, सीकर, हरियाणा के गुरूग्राम, फरीदाबाद, रैवाडी, दिल्ली, अमृतसर, लुधियाना, महाराष्ट्र के औरंगाबाद, मुंबई, मध्य प्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर आदि बड़े महानगरों में जाता है, जो कि वहां के लोगों की पहली पसंद है।
करोड़ों का कारोबार, फिर भी नहीं है व्यवसायिक मंडी
मारहरा का आम निर्यात होने से प्रतिवर्ष क्षेत्र के बागवानों का करोड़ों का कारोबार होता है। इसके बाद भी कस्बा में उत्पादन बेचने के लिए कोई व्यवसायिक मंडी नही हैं। इससे उत्पादन करने वाले बागवान अपना माल ट्रक एवं मैटाडोर में लोडकरा कर स्वयं बाहरी क्षेत्र की मंडियों में बेचने जाते हैं। इससे उन्हे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
मारहरा में बडे स्तर पर होता है अचार बनाने का कार्य
मारहरा क्षेत्र में बडे स्तर पर होने वाला भूरा चपटा एवं देशी आम निर्यात होता है। उसके अलावा कस्बा में आम के अचार का उत्पादन में भी बड़े पैमाने पर होता है। कस्बा में लघु उद्योग स्तर आम का अचार बड़े पैमाने पर तैयार किया जाता है। वही मारहरा की आम की चटनी बेहद लोकप्रिय है। कस्बा में आम का सिरका भी तैयार किया जाता है। जिसकी देश ही नही बल्कि विदेशों में भी सप्लाई होती है।
इस बार बड़े पैमाने पर आम का उत्पादन होगा क्यो कि पेड़ बौर से लग चुके है। क्षेत्र का आम देश के अनेकों महानगरों में बेहद मशहूर है। इसके बाद भी मारहरा में आम की बिक्री के लिए कोई व्यापारिक मंडी नहीं है। इससे उत्पादन बेचने बाहर जाना पडता है। ऐसा करने में काफी परेशानी होती है।-दानिश खान, बागवान मारहरा एटा।
मारहरा क्षेत्र का आम देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक जाता है। क्यो कि मारहरा में एक साथ जितनी आम की बैरायटी होती है। उतनी अन्य स्थानों पर नहीं होती है। इस बार बेहद अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद है। अप्रैल तक छोटा एवं मई जून तक पका आम खाने को मिल जाएगा। क्षेत्र में व्यापारिक मंडी न होने से उत्पादन लेकर बाहर जाना पडता है।-अकरम कुरैशी, बागवान, मारहरा एटा।
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