इस बार भी बूथ लूटने का कलंक नहीं धो सका एटा
पुलिस-प्रशासन की लाख सख्ती के बाद भी बूथ लुटने का कलंक लग ही गया है। इस बार भी पंचायत चुनाव में बूथ लूटने के कलंक को नहीं धोया जा सका ओर आखिरी समय...
पुलिस-प्रशासन की लाख सख्ती के बाद भी बूथ लुटने का कलंक लग ही गया है। इस बार भी पंचायत चुनाव में बूथ लूटने के कलंक को नहीं धोया जा सका ओर आखिरी समय में बूथ लुटने से अधिकारियों की पूरी मेहनत पर पानी फिर गया। हालांकि पिछले पंचायत चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में पुलिस-प्रशासन हिंसाओं को रोकने में कामयाब रही।
पंचायत चुनाव में उपद्रव न हो ऐसा हो ही नहीं सकता है। पिछले पंचायत चुनाव के मुकाबले इस बार पुलिस-प्रशासन की मेहनत रंग ला रही थी मगर आखिरी समय में बूथ लुटने की घटना हो गई। हालांकि पिछले चुनाव के तुलना में इस बार हिंसा, बूथ लूटने की घटनाओं पर पुलिस-प्रशासन ने काफी हद तक लगाम लगा दिया। पिछले पंचायत चुनाव में उत्तीस मामले दर्ज हुए थे। जिसमें कई मामले बूथ लूटने के भी थे। इस बार पंचायत चुनाव में बूथ लूटने की एक ही घटना हुई। लोग बताते है कि पिछले पंचायत चुनाव में सबसे पहले हिंसा की शुरूआत राजा का रामपुर क्षेत्र से हुई थी।
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