गलत बिल थमाना पड़ा भारी, आयोग ने कर दिया बिजली बिल निरस्त
विद्युत निगम ने फार्म नंबर नौ भरने के बाद भी पीड़ित रामवीर सिंह को लाखों का बिल भेजा। जिला उपभोक्ता आयोग ने सभी बिल निरस्त करते हुए निगम को पीड़ित को चार हजार रुपए हर्जाना देने का आदेश दिया। वहीं,...
फार्म नंबर नौ भरने के बाद भी विद्युत निगम ने उपभोक्ता को लाखों रूपये का बिल थमा दिया। पीड़ित जिला उपभोक्ता आयोग चले गए और निगम के खिलाफ वाद दायर किया। फैसला सुनाते हुए आयोग ने सभी बिल निरस्त करने के आदेश दिए है साथ ही विद्युत निगम पर ही पीड़ित को हर्जाना देने का आदेश दिया हैं। गांव लोया बादशाहपुर सिंहपुर निवासी पीड़ित रामवीर सिंह ने वर्ष 2006 में कनेक्शन कटवाने के बाद फार्म नंबर भरा था। इसके बाद भी विद्युत निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की थी और बाद में उपभोक्ता को एक लाख 31 हजार का बिल भेज दिया। पीड़ित जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दायर किया। वाद को अध्यक्ष योगेन्द्र राम गुप्ता, सदस्य राजकमल दीक्षित, भारती चतुर्वेदी ने सुना। मामले में अध्यक्ष, सदस्यों ने फैसला सुनाया। फैसले में आदेश देते हुए आयोग ने निगम के सारे बिल निरस्त कर दिए। साथ ही विपक्षी विद्युत निगम को आदेश दिए हैं कि पीड़ित को मानसिक, शारीरिक परेशानी भी हुई है जिसके लिए पीड़ित को चार हजार रूपये दिए जाए।
एक माह में कराया होगा पूरा कार्य
थाना मारहरा के गांव गोकनी निवासी जावित्री देवी ने 2017 में नवीन नलकूप के लिए आवेदन किया था, जिसका रूपया भी पीड़िता ने विद्युत निगम को जमा करा दिया। उसके बाद भी विद्युत संयोजन स्थापित नहीं किया गया। पीड़िता ने अधिवक्ता के माध्यम से दो बार नोटिस भी दिया। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़िता ने उपभोक्ता फार्म का दरवाजा खटखटाया। पीड़िता ने बताया कि कनेक्शन न करने पर फसल सूख गई और उन्हे काफी नुकसान हुआ है। सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग अध्यक्ष योगेन्द्र राम गुप्ता ने फैसला सुनाया। इसमें विद्युत निगम विपक्षीगढ को आदेश दिए है कि पीड़ित के लेबर चार्ज मुहैया कराने पर एक माह में नलकूल का पूरा कार्य कराया जाए।
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