ताज के आसपास धूल कणों का जबर्दस्त हमला
आगरा में ताजमहल और उसके आसपास के क्षेत्रों में धूल कणों का जबर्दस्त हमला हुआ है। यहां की हवा 'सीवियर' प्रदूषण स्तर पर पहुंच गई है, जिससे सैलानियों को खांसी, आंखों में जलन और गले में दिक्कतें हो सकती...
देशी-विदेशी सैलानियों की सबसे ज्यादा आमद वाले आगरा ताजमहल और उसके आसपास के इलाकों पर धूल कणों का जबर्दस्त हमला हुआ है। यहां की आबोहवा अभी से प्रदूषण के सबसे खतरनाक जोन सीवियर (गंभीर) में पहुंच गई है। इस हवा में घूमने वाले सैलानियों को खांसी, आखों में करकराहट, गले संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। शहर के सभी क्षेत्रों में अलग-अलग कणों में भारी उतार-चढ़ाव रिकार्ड किया गया है। सबसे बड़ा बदलाव ताजगंज इलाके में आया है। यहां शाहजहां गार्डन स्टेशन पर धूल कणों की अधिकतम मौजूदगी का स्तर 435 'माइक्रोग्राम पर मीटर' पाया गया है। इस लिहाज से यह प्रदूषण का सबसे खतरनाक छठा और अंतिम जोन है। बता दें कि प्रदूषण के छठवें जोन को 'सीवियर' कहा जाता है। इसमें हवा में शामिल सभी तरह के कणों की मौजूदगी 401 से 500 माइक्रोग्राम पर मीटर तक होती है। इसी इलाके में विदेशी सैलानियों की सबसे ज्यादा आवाजाही रहती है। सबसे ज्यादा सितारा होटल भी इसी इलाके में हैं।
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