शहर में 500 कुंतल तक घेवर की खपत होगी
रक्षाबंधन पर ब्रज क्षेत्र के एटा में घेवर की लोकप्रियता बढ़ रही है। यह मिठाई सावन में सबसे अधिक पसंद की जाती है। घेवर की कीमत अन्य मिठाइयों से अधिक है, क्योंकि इसे बनाने में अधिक लागत आती है। पहले...
रक्षाबंधन पर मिठाई के विकल्प में सबकी ज़ुबां घेवर का ही नाम आता है। ब्रज क्षेत्र के जनपद एटा में इस मिठाई की लोकप्रियता निरंतर बढ़ती ही जा रही है। रविवार को शहर के नामचीन हलवाई एवं फर्म संचालक ने बताया कि रक्षाबंधन पर घेवर की अहमियत इसकी तासीर से जुड़ी है। मैदा और दूध के घोल से तैयार होने वाली यह मिठाई नमी मिलने पर नर्म और स्वादिष्ट हो जाती है। इसके चलते सावन में खरीदार सबसे ज्यादा इसको पसंद करते हैं। क्यो कि रक्षाबंधन का त्योहार सावन में पड़ता है। इसके लिहाज से घेवर सबकी पहली पसंद में शामिल है।
रविवार को शहर के प्रसिद्ध देशी घी निर्मित मिष्ठान कारोबारियों ने बताया कि अन्य मिठाइयों की तुलना में घेवर काफी महंगा बिकता है। इसकी तैयारी में अधिक लागत आती है। बनाते समय कढ़ाई पूरी तरह घी से भरनी पड़ती है। इसके चलते इसमें दढ़ेल ज्यादा बचता है। इससे दुकानदार घेवर के दाम अन्य मिठाइयों से ज्यादा रखते हैं।
शहर के नामचीन और पुराने मिठाई कारोबारी बताते हैं कि पहले घेवर का रंग सफेद होता था। लेकिन अब यह लालपन लिए रहता है। इसकी वजह तैयार होने की विधि में बदलाव है। लगभग चार दशक पहले तक घेवर को तैयार करने को मैदे का घोल पानी से बनाते थे। अब इसमें दूध भी मिलाते हैं। सिकाई के दौरान दूध की मौजूदगी से रंग बदलता है। इस तकनीक ने घेवर के स्वाद को और भी बेहतर किया है।
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