Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Employees and teachers will have to take permission for hospitalization order of Central Hindi Institute Registrar

बीमार होने पर कर्मचारी-शिक्षकों को अस्पताल में भर्ती के लिए लेनी होगी अनुमति, चौंकाने वाला आदेश

  • केन्द्रीय हिन्दी संस्थान कुलसचिव का आदेश कर्मचारियों को चौंका दिया है। बीमार होने पर कर्मचारी-शिक्षकों को अस्पताल में भर्ती के लिए पहले अनुमति लेनी होगी। बिना किसी पूर्व सूचना के अस्पताल में भर्ती होना उन्हें भारी पड़ेगा।

Deep Pandey हिन्दुस्तान, आगरा। अनुज शर्माFri, 21 Feb 2025 01:42 PM
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बीमार होने पर कर्मचारी-शिक्षकों को अस्पताल में भर्ती के लिए लेनी होगी अनुमति, चौंकाने वाला आदेश

अचानक स्वास्थ्य खराब होने पर केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के कर्मचारी, शिक्षक अस्पताल नहीं जा सकेंगे। हृदयाघात जैसे हालात में भी कर्मचारी, शिक्षकों को संस्थान की दौड़ लगानी होगी। क्योंकि, बिना किसी पूर्व सूचना के अस्पताल में भर्ती होना उन्हें भारी पड़ेगा। संस्थान बिना पूर्व अनुमति के अस्पताल में भर्ती होने वाले कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ नहीं देगा। आप चौंक गए न, लेकिन यह सच है। केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के जिम्मेदारों को कर्मचारियों, शिक्षकों के स्वास्थ्य से ज्यादा पूर्व अनुमति और पूर्व स्वीकृति की चिंता है।

संस्थान के कुलसचिव डॉ. चन्द्रकांत त्रिपाठी की ओर से एक आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि संस्थान के सभी शैक्षिक एवं प्रशासनिक सदस्यों को सूचित किया जाता है कि उनके स्वयं अथवा आश्रितों के बीमार होने पर सीजीएचएस पैनल के अस्पतालों में भर्ती कराकर इलाज कराने की स्वीकृति लेनी होगी। इलाज के लिए संस्थान मुख्यालय में लिखित सूचना, प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर इलाज कराने की स्वीकृति अनिवार्य रूप से लेनी होगी। बिना निदेशक की स्वीकृति के अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराने पर किसी भी चिकित्सा बिल का भुगतान नियमानुसार देय नहीं होगा। यानि कि संस्थान ने साफ कर दिया है कि अस्पताल में भर्ती होने से पहले अनुमति ले लें, नहीं तो इलाज का सारा खर्च कर्मचारी, शिक्षक की जेब से होगा। वहीं, निदेशक डॉ. सुनील बाबुराव कुलकर्णी का कहना है कि यह आदेश सिर्फ प्रशासनिक सुविधाओं लिए निकाला गया है।

देशभर में केन्द्र, स्वीकृति देंगे निदेशक

सबसे खास बात यह है कि संस्थान के केन्द्र देशभर में हैं। वहीं, मुख्यालय आगरा में है। ऐसे में किसी भी आपात स्थिति में फंसने पर कर्मचारियों को पहले निदेशक को लिखित रूप में अपना प्रार्थना पत्र देना होगा। इसके बाद उस पर स्वीकृति दी जाएगी। तब कहीं जाकर वह अस्पताल में भर्ती होकर संस्थान से भुगतान के पात्र होंगे। संस्थान के केन्द्र दिल्ली, हैदराबाद, गुवाहाटी, शिलांग, मैसूर, दीमापुर, भुवनेश्वर और अहमदाबाद में भी हैं।

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दीमापुर में बीमार, फिर भी अनुमति चाहिए

कुलसचिव डॉ. चन्द्रकांत त्रिपाठी की ओर से जारी किया गया है कि आदेश निदेशक डॉ. सुनील बाबुराव कुलकर्णी के अनुमोदन से जारी किया जा रहा है। आदेश सिर्फ मुख्यालय के लिए नहीं, बल्कि संस्थान के देशभर में स्थित केन्द्रों पर लागू होगा। क्योंकि आदेश में सभी केन्द्रों के क्षेत्रीय निदेशक, विभागाध्यक्ष और अनुभाग अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि इस आदेश को अपने अधीनस्थ शैक्षिक एवं प्रशासनिक सदस्यों तक पहुंचा दिया जाए।

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