यमुना एक्सप्रेसवे पर चेकिंग के दौरान पुलिस के हाथ लगा सोने का खजाना, कार से मिले 10 करोड़ के जेवर
यमुना एक्सप्रेसवे के मांट टोल प्लाजा पर सोमवार रात पुलिस और आबाकारी टीम ने एक कार की तलाशी के दौरान 10 करोड़ के सोने के जेवर बरामद किया। आरोप है कि टैक्स चौरी कर ये जेवर बिहार ले जाया जा रहा था।
यमुना एक्सप्रेसवे के मथुरा स्थित मांट टोल प्लाजा पर सोमवार रात मांट टोल पुलिस और आबकारी टीम ने चेकिंग में इंडीवर कार से तलाशी के दौरान करीब 10 करोड़ रुपये के सोने के जेवर बरामद किया। आरोप है कि टैक्स चोरी कर करीब साढ़े 12 किलो सोने के आभूषण बिहार ले जाये जा रहे थे। जीएसटी टीम जांच कर रही है।
सोमवार रात यमुना एक्सप्रेसवे प्रभारी निरीक्षक मांट राजीत वर्मा के नेतृत्व में मांट टोल प्लाजा पर टोल चौकी प्रभारी भुवनेश कुमार दीक्षित और आबकारी निरीक्षक टीम के साथ दीवाली को लेकर एक्सप्रेस वे पर अवैध रूप से शराब की तस्करी करने वालों की चेकिंग में जुटे थे। तभी नोएडा से आ रही इंडिवर कार को रुकने का इशरा किया। पुलिस देख कर कार सवारों ने भागने का प्रयास किया लेकिन नाकेबंदी होने के चलते उन्हें कार रोकनी पड़ी और वे कार से उतरने लगे। पुलिस ने शक के आधार पर चालक समेत दो को पकड़ कर कार की तलाशी ली। उसमें पैकिट रखे थे। पैकिट देख पुलिस व आबकारी टीम दंग रह गयी। पैकिटों में सोने के आभूषण भरे थे। इसके कागजात मांगे तो वह नहीं दिखा सके। पुलिस ने तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचना दी और गाड़ी समेत सोने की ज्वैलरी को थाने ले गये। जीएसटी विभाग को भी सूचना दे दी।
12 किलो 387 ग्राम के आभूषण
चेकिंग के दौरान गाड़ी से मिले आभूषणों की तोल कराई गयी तो उसमें 12 किलो 387 ग्राम आभूषण सोने के मिले। गाड़ी सवार दिल्ली के विवेक गुप्ता और बिहार के सिवान जिले के रहने वाले रमेश सोने के जेवरों के कोई कागजात नहीं दिखा पाए। पुलिस की सूचना पर जीएसटी विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर करतार सिंह मंगलवार सुबह मांट थाने पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी की। उन्होंने बताया कि जीएसटी विभाग विभागीय स्तर पर पूरे मामले की जांच करेगा। उसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा।
कोषागार में रखवाए जेवर
जीएसटी विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर ने बताया कि इंडीवर गाड़ी से दिल्ली से एक्सप्रेस वे होकर देवरिया करीब साढ़े 12 किलो सोने के जेवर ले जाए जा रहे थे। इसे मांट टोल पर पकड़ लिया गया। जेवर के कागजात न दिखाये जाने पर जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह की अनुमति के बाद कड़ी सुरक्षा में जेवरों को जिला कोषागार में रखा गया है। प्रथम दृष्टया मामला टैक्स चोरी का प्रतीत हो रहा है।
एक्सप्रेस-वे के जरिये हो रही टैक्स चोरी-तस्करी
यमुना एक्सप्रेस वे से होकर लम्बे अरसे से टैक्स चोरी के माल का आवागमन होता है, वहीं तस्करी की शराब व अन्य वस्तुओं का आवागमन भी होता है। इसका मुख्य कारण यह भी है, कि यहां किसी भी विभाग की नियमित गश्त नहीं होती। कभी कभार आबकारी या पुलिस टीम गश्त की औपचारिकता करने के लिए टोल पर खड़े होकर फ़ोटो करा कर कर्तव्य की इति श्री कर लेते हैं। अब जांच का मुख्य बिंदु यह है कि इतनी बड़ी सोने की टैक्स चोरी की कड़ी कहां तक जुड़ी हुई हैं।