मार्केट रेट पर ली जानी चाहिए किसानों की भूमि:सुबाष
Deoria News - देवरिया, हिंदुस्तान टीम। राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिनियम के समूचे प्राविधानों की अवहेलना जनपद
देवरिया, हिंदुस्तान टीम। राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिनियम के समूचे प्राविधानों की अवहेलना जनपद में हो रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग सहित प्रस्तावित परियोजनाओं के लिए किसानों की भूमि प्राविधान के अनुसार सर्किल रेट नही बल्कि मार्केट रेट पर लिया जाना चाहिए। यह बातें सपा के राष्ट्रीय सचिव सुबाष चन्द्र श्रीवास्तव ने बांस देवरिया स्थित सपा कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में कही।
उन्होंने कहा कि राजमार्गो में पड़ने वाले किसानों के जमीनों के लिए जो मुआवजा नियत किया गया है वह 2020 के सर्किल रेट पर किया गया है। यह सरासर गलत है। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में इस तरह की विकास परियोजनाओं में जो किसानों की जमीनें लीं गयीं हैं उसमें अक्षरश: अधिनियमों का पालन किया गया है, लेकिन देवरिया में अलग तरह का व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्टाम्प नियमावली 1997 स्टाम्प शुल्क निर्धारण के लिए बना है जबकि उसे किसानों के तय प्रतिकर में कटौती का आधार बनाया जा रहा है। भूमि अर्जन अधिनियम 2013 तथा राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 दोनों अधिनियमों में चार श्रेणी के भूमि का कहीं उल्लेख नही है। अर्जन अधिनियमद में केवल शहरी एवं ग्रामीण भूमि श्रेणीबद्ध है, जबकि देवरिया जनपद में असमान प्रतिकर निर्धारण के लिए शहरी, ग्रामीण, अर्धनगरीय तथा विशिष्ट श्रेणी में विभक्त किया जा रहा है।
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