पकड़ी वीरभद्र ग्राम पंचायत में हुई अनियमितता को जांच अधिकारी नामित
Deoria News - देवरिया, निज संवाददाता। देसही देवरिया विकास खंड के ग्राम पंचायत पकड़ी वीरभद्र में तत्कालीन

देवरिया, निज संवाददाता। देसही देवरिया विकास खंड के ग्राम पंचायत पकड़ी वीरभद्र में तत्कालीन ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारियों के कार्यकाल में ऑडिट टीम को मिली 1 करोड़ 16 लाख 94 हजार 133 रुपये की वित्तीय अनियमितता के मामले को जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसके साथ ही कमेटी को एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय को देने का निर्देश दिया है।
ग्राम पंचायत में तत्कालीन ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सचिवों के कार्यकाल में वर्ष 15-16 से 19-20 की आडिट में 1 करोड़ 16 लाख 94 हजार 133 रुपये की वित्तीय अनियमितता मिली है। इस मामले में 26 दिसम्बर 2022 को जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से जारी पत्र द्वारा तत्कालीन ग्राम प्रधान व पंचायत सचिवों से 27 दिसम्बर 2022 को जिला लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समितियां एवं पंचायतें के कार्यालय में वांछित अभिलेखों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था।
पर्याप्त समय बीतने के बाद भी संबंधित सचिवों द्वारा वांछित अभिलेखों को उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत के वर्ष 2015-16 से 19-20 का उपलब्ध कराई गई ऑडिट अधिभार में उठाई गई आपत्तियों से संबंधित कार्यों का अभिलेखीय एवं स्थलीय जांच करने हेतु जिन तीन सदस्यीय अधिकारियों को नामित किया है उनमें जिला युवा कल्याण अधिकारी, लेखा परीक्षक प्रद्युम्न कुमार त्रिपाठी व सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी श्रवण कुमार चौरसिया शामिल हैं। जिलाधिकारी ने नामित अधिकारियों को ऑडिट में उठाई गई आपत्तियों से संबंधित कार्यों का अभिलेखीय एवं स्थलीय जांच कर संयुक्त आख्या एक सप्ताह के भीतर जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
लेखा परीक्षा में मिली अनियमितता की ये है धनराशि
ग्राम पंचायत में लेखा परीक्षा में वर्ष 2015-16 से 19-20 में पाई गई अनियमितता की धनराशि का विवरण इस प्रकार है। राज्य वित्त/चौदहवां वित्त में 21 लाख 16 हजार 844 रुपए, मनरेगा में 56 लाख 73 हजार 789 रुपए व शौचालय में 36 लाख 51 हजार 500 रुपए व 2 लाख 52 हजार रुपए की गंभीर अनियमितता पायी गई है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।