देवरिया जेल में बीमार कैदी की मौत, बेटे ने जेल के डॉक्टर पर लगाया आरोप
हत्या के मामले में सजा काट रहे कैदी की रविवार की देर शाम जिला कारागार में मौत हो गई। बंदी रक्षक कैदी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सदर कोतवाली पुलिस ने शव को...
हत्या के मामले में सजा काट रहे कैदी की रविवार की देर शाम जिला कारागार में मौत हो गई। बंदी रक्षक कैदी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सदर कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। बंदी जनवरी 20 में हत्या के मामले में जिला कारागार आया था। परिजनों ने जेल के चिकित्सक पर इलाज नहीं करने का आरोप लगाया है।
कुशीनगर जिले के हाटा कोतवाली क्षेत्र के पटनी गांव के रहने वाला बृजेश मणि(62) पुत्र रामअधार मणि के एक हत्या के मामले में सजायाफ्ता कैदी था। वह 29 जनवरी 2020 से जिला कारागार में बंद था। वह जिला कारागार के बैरक नम्बर 13 में रह रहा था। उसकी तबीयत पिछले कई दिनों से खराब चल रही थी। परिजनों का कहना है कि कैदी ने बीमारी के बारे में जिला कारागार के चिकित्सक से कहा, लेकिन डाक्टर ने ध्यान नहीं दिया। रविवार को उसकी तबीयत बिगड़ने लगी तो चिकित्सक को सूचना मिली। चिकित्सक जबतक बैरक में पहुंचे कैदी की मौत हो चुकी थी।
आनन-फानन में चिकित्सक ने कैदी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। बंदी रक्षक कैदी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बंदी रक्षकों ने इसकी जानकारी जेल के अधिकारियों को दी। कैदी की मौत से जेल के अधिकारियों के हांथ पाव फूल गए। जेल के अधिकारियों ने इसकी सूचना परिजनों को दी। कोतवाली पुलिस ने सोमवार को शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। कैदी की मौत से घर में कोहराम मच गया। पत्नी जुलावती देवी, बेटा दीपक और दीपू का रो-रो कर बुरा हाल था।
इलाज के लिए रुपये मांगने का आरोप
बंद कैदी बृजेश की मौत पर बेटे दीपक ने आरोप लगाया है कि उसके पिता की तबीयत पिछले कई दिनों से खराब थी। पिता ने इलाज के लिए जेल के डाक्टर से कहा तो उससे रुपए मांगे गए। रुपये नहीं देने के चलते किडनी की बीमारी से ग्रसित होने के बाद भी उनका इलाज नहीं किया गया। दीपक ने इसकी जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है।
जिला कारागार में हत्या के मामले में सजायाफ्ता कैदी की मौत हो गई। वह कई बीमारी से ग्रसित था। शव पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया। इलाज के लिए रुपए मांगने का आरोप गलत है।
केपी त्रिपाठी, जेल अधीक्षक, देवरिया
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