पुत्र की सलामती को महिलाओं ने रखा जीवित्पुत्रिका व्रत
बरहज, हिन्दुस्तान संवाद। पुत्र के दीर्घायु एवं सलामती के लिए माताओं ने बुधवार को
बरहज, हिन्दुस्तान संवाद। पुत्र के दीर्घायु एवं सलामती के लिए माताओं ने बुधवार को जीवित्पुत्रिका (जिउतिया) व्रत किया। इसके पूर्व मंगलवार की रात माताओं ने खीर-पूड़ी, दही-चूड़ा तथा तरोई की सब्जी समेत अन्य प्रकार के व्यंजन तैयार किए तथा अहले सुबह तरोई के पत्ते पर पूर्वजों को समर्पित किया। माताओं ने भोजन ग्रहण किया तथा अपनी संतानों को भी प्रसाद के रूप में खिलाया।
इसके बाद पूरे दिन निर्जला व्रत कर भगवान की उपासना में लीन रही। दोपहर बाद स्नान करने के बाद जीमूतवाहन भगवान की कथा का श्रवण किया। माताओं ने इस महान व्रत के प्रतीक के रूप में अपनी संतानों की संख्या के हिसाब से बनी जिउतिया का माला धारण किया।
स्नान के लिए सरयू घाटों पर उमड़ी भीड़
दोपहर बाद सरयू सरयू स्नान के लिए घाटों पर व्रती महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। नदी के बरहज, पैना, कपरवार संगम तट, गौरा आदि घाटों पर स्नान के लिए महिलाओं की भीड़ देखी गई। महिलाओं ने स्नान के बाद दान कर पुण्य अर्जित किया।
मंदिरों में माताओं ने किया कथा का श्रवण
ग्रामीण इलाकों के विभिन्न मंदिरों, घरों तथा सामूहिक स्थलों पर जिउतिया व्रथ की कथा सुनने की होड़ रही। माताएं स्नान के बाद पूजा सामग्री के साथ मंदिरों में पहुंचीं तथा जीमूतवाहन की कथा सुन अपने पुत्र के दीर्घायु होने की प्रार्थना की।
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