Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़देवरियाFlood Worsens in Barhaj Villages Submerged Administration Lacks Support

सरयू की बाढ़ से बरहज के दियारा क्षेत्र में स्थिति बिगड़ी, दस टोले पानी से घिरे

विशुनपुर देवार और परसिया देवार गाँवों में बाढ़ की स्थिति गंभीर है। प्रशासन की अनदेखी से ग्रामीण परेशान हैं। गाँव की आधी आबादी पानी में कैद है और नाव की कमी है। हर साल बाढ़ का सामना करना उनकी नियति बन...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवरियाTue, 13 Aug 2024 05:20 AM
share Share

बरहज(देवरिया), विवेकानंद मिश्र। सरयू के दियारा मे बसे बरहज तहसील क्षेत्र के ग्राम विशुनपुर देवार और परसिया देवार में बाढ़ से स्थिति गम्भीर होती जा रही है। परसिया देवार का दसरसरिया टोला, राजभर टोला, चौधरी पूरा, नकिहवा, माहो टोला, बिचला टोला, विशुनपुर का कटलाहवा टोला, पश्चिम टोला, किशुन टोला, स्कूल टोला, कन्हैया टोला, चौहान बस्ती, पुराना हरिजन बस्ती, नई हरिजन बस्ती, जरलहवा टोला पानी से मैरुण्ड है। खासकर विशुनपुर देवार में तो हालात बेहद खराब होते जा रहे है। सरयू के पानी से गाँव के आठ मजरे मैरुण्ड हो गयर है। गाँव की आधी आबादी पानी मे कैद है। जरूरी काम से गांव में आने और जाने के लिए प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किया है। जिनके पास डेंगी(छोटी नाव) है वह जान हथेली पर लेकर गांव से बाहर जरूर आ जा रहे है। अभी तक प्रशासन द्वारा एक भी नाव उपलब्ध नहीं कराई गई है। ग्रामीण अपनी दुर्दशा के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे है।

लगभग दो हजार की आबादी वाले इस गाँव के लोग हर साल बाढ़ की विभीषिका झेलते है। हर साल उजड़ना और फिर बसना इनकी नियति बन गई है। यहां के वाशिंदों का मुख्य मुख्य कार्य खेती- बारी और पशुपालन है। दूध की बिक्री ही यहां का मुख्य रोजगार है। गृहस्थी का समान खरीदने के हर रोज बाहर जाना पड़ता है। गाँव मे बरहज जाने का कोई स्थलीय मार्ग नही है गर्मी में पीपा का पुल तो लगता है, किंतु वह भी बमुश्किल 100 दिन ही चलता है। साल के नौ महीने नाव ही उनका सहारा है।

हर साल उजड़ना-बसना ही इनकी नियति

विशुनपुर देवार की दो हजार आबादी प्रशासन की अनदेखी और प्रकृति के प्रकोप से कालापानी की सजा भुगतने के लिए अभिशप्त है। सब कुछ बदला लेकिन इस गांव के वाशिंदों के जीवन में बदलाव नहीं आया। हालत यह है कि पेट की आग बुझाने के लिए दिहाड़ी मजदूरी और दूध पैदा कर उसे बेचना ही आय का एक मात्र साधन है। हर साल बाढ़ के दौरान नदी की क्रूर लहरें इनको आशियाना बदलने को विवश कर देती हैं। कोई बंधे पर शरण लेता है तो कोई बाढ़ शिविर मे।

ग्रामीण बोले

गाँव के प्रधान ओमप्रकाश यादव ने बताया कि स्थिति बेहद खराब है। प्रशासन ध्यान नही दे रहा है। अशोक यादव ने बताया कि लोग घरों में कैद है अब तक एक भी नाव नही मिली। केशव प्रसाद ने कहा कि घर तक चार फिट ऊंचा पानी भरा है। घर से बाहर कैसे निकले समझ नही आता। केसरी देवी ने बताया कि बाढ़ के चलते ईंधन और राशन का संकट खड़ा हो गया है। रामप्रवेश ने बताया कि गाँव मे काम नही है और पानी के चलते बाहर जाना मुश्किल है।

दियारा में पिच सड़क धंसी

सरयू के दक्षिणी किनारे से परसिया देवार की तरह जाने वाली पिच सड़क रविवार की रात अचानक धंस गई, जिससे सड़क में बड़ा गड्ढा बन गया है। सड़क धंसने से आवागमन बाधित हुआ है। सिर्फ दो पहिया वाहन ही आ जा रहे है। परसिया से नदी की तरफ जाने वाले बांध पर दबाव बढ़ गया है। यह तटबन्ध कभी भी टूट सकता है।

बरहज के पटेल नगर में घरों में भर रहा पानी

बाढ़ का पानी दियारा ही नही बरहज नगर में मुश्किल खड़ी कर रहा है। नगर के पटेल नगर में घरों में पानी भर रहा है।

अशोक जायसवाल, गुलाब, रामबेलास राजभर, ओमप्रकाश जायसवाल, रमाशंकर ,झींगुर राजभर, परदेशी आदि ने बताया है कि हम लोगो के सहन के पास होते हुए घर के चारो तरफ बाढ़ का पानी भर गया है और आने जाने के लिए दो फीट बाढ़ और नाले के गंदे पानी से गुजरना पड़ रहा है। नाली के रास्ते घर मे भी पानी भर रहा है। विषैले जन्तुओ का डर सताने लगा है।

भदिला प्रथम पहुंचे उपजिलाधिकारी

उपजिलाधिकारी अंगद यादव और तहसीलदार अरुण कुमार सोमवार को नाव से बाढ़ प्रभावित गांव भदिला प्रथम पहुंचे। राशन वितरण और स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया। ग्रामीणों से उनकी समस्या सुनी। ग्रामीणों ने नाव कम होने की बात कही तो उन्हीने और नाव बढ़ाने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि गाँव मे खाद्यान्न और दवाओं की उपलब्धता हर हाल में रहे। जो गाँव से बाहर जाना चाहते है उनको बाढ़ शिविर के सुरक्षित पहुंचाया जाएगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें