हत्या के आरोप में पिता-पुत्र को आजीवन कारावास
देवरिया में अपर सत्र न्यायाधीश छाया नैन की अदालत ने पिता-पुत्र को हत्या और प्राणघातक हमले के मामले में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह घटना 13 वर्ष पूर्व बगही गांव में हुई थी, जब...
देवरिया, विधि संवाददाता। अपर सत्र न्यायाधीश छाया नैन की अदालत ने शुक्रवार को हत्या, प्राण घातक हमला, मारपीट अपमानित करते हुए धमकी देने के मामले में दोषी पाए जाने पर पिता पुत्र को आजीवन कारावास और प्रत्येक को 32500 जुर्माने से दंडित करने का फैसला सुनाया। घटना 13 वर्ष पूर्व मईल थाना क्षेत्र के बगही गांव में राधेश्याम यादव की हत्या हुई थी। अपार शासकीय अधिवक्ता मनीष सिंह ने बताया कि जिले के मईल थाना क्षेत्र के बगही निवासी राधेश्याम यादव 22 मार्च 2011 को अपने दरवाजे और पास की भूमि पर झाड़ू लगा रहा था। जिसे लेकर पड़ोसी रामबली यादव और उनका पुत्र वीरेंद्र यादव ने झाडू लगा रहे राधेश्याम यादव को लोहे की पाइप से पीट-पीटकर हत्या कर दी। उसे बचाने राधेश्याम की पत्नी कमला देवी गई तो उन्हें भी हमलावरों ने मारपीट कर गंभीर रुप से घायल कर दिया। घटना के बाद मृतक की पौत्री वादिनी रंजना यादव पुत्री रामजी यादव की तहरीर पर रामबली यादव पुत्र स्व. डेबा यादव और विरेन्द्र यादव पुत्र रामबली यादव निवासर बगही थाना मईल के विरुद्ध 302,307,323,504 और 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने मामले में 24 मार्च 2011 को दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने हत्याकांड की जांच करने के बाद 29 मई 2011 को आरोप पत्र दाखिल किया गया। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश छाया नैन की अदालत में हुई। हत्या और हत्या के प्रयास के मुकदमें में पुलिस ने 14 गवाहों को न्यायालय में पेश किया। न्यायलय में गवाहों के बयान, साक्ष्यों और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद जज ने हत्या समेत अन्य धाराओं में रामबली यादव पुत्र स्व. डेबा यादव और विरेन्द्र यादव पुत्र रामबली यादव को हत्या, प्राण घातक हमला में दोषी पाए जाने पर कठोर दंड से दंडित करते हुए सजा भुगताने हेतु जेल भेज दिया
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