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पीएम सम्मान निधि पाने को किसान रजिस्ट्री जरूरी

Deoria News - - जिले के साढ़े चार लाख किसानों का होना है फार्म रजिस्ट्री पीएम सम्मान निधि पाने को किसान रजिस्ट्री जरूरी है। जिले के साढ़े चार लाख किसानों का फार्मर

Newswrap हिन्दुस्तान, देवरियाThu, 9 Jan 2025 02:28 AM
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देवरिया, निज संवाददाता। पीएम सम्मान निधि पाने को किसान रजिस्ट्री जरूरी है। जिले के साढ़े चार लाख किसानों का फार्मर रजिस्ट्री होना है। बिना किसान रजिस्ट्री के पीएम सम्मान निधि की अगली किस्त नहीं मिलेगी। किसानों की सुविधा को सहज जनसेवा केंद्र से किसान फार्मर रजिस्ट्री करा सकते हैं। किसान रजिस्ट्री के माध्यम से डिजिटल पहचान पत्र सभी भूमि धारक किसानों के लिए जरूरी है। इसके लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने, फसल बीमा कराने तथा कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ लेने को खतौनी निकलवानी पड़ती है। उन्हे विभिन्न गांटा संख्या का अलग-अलग खतौनी निकलवाना पड़ता है। सससे निजात को किसानों का फार्मर रजिस्ट्री कर उनका यूनिक कार्ड बनाया जा रहा है।

इसमें उनके जमीन के सभी गाटा संख्या को एक जगह कर कृषि व राजस्व विभाग द्वारा सत्यापित किया जा रहा है। जिले के 4.44 लाख किसानों का यूनिक कार्ड बनाया जायेगा। इसके लिए लेखपाल, कृषि विभाग के न्याय पंचायत स्तरीय कर्मी या पंचायत सहायक की दो सदस्यीय टीम बनायी गयी है।

रोस्टर के अनुसार वह गांवों में जाकर किसानों के जोत का सत्यापन कर पूरा ब्योरा पोर्टल पर दर्ज कर रहे हैं। किसान के आधार कार्ड के माध्यम ई केवाईसी किया जायेगा। पूरी प्रक्रिया के बाद किसान के सभी गांटा संख्या व कुल जोत का ब्योरा एक जगह हो जायेगा।

एक नंबर जनरेट होने के बाद उनका यूनिक कार्ड बन जायेगा। इससे उन्हे बार-बार खतौनी निकालने से मुक्ति मिल जायेगी। किसान सहज जन सेवा केन्द्रों पर जाकर भी फार्मर रजिस्ट्री करा सकते हैं।

किसान रजिस्ट्री होने से यह होगा फायदा

किसान रजिस्ट्री से किसानों को बार-बार केवाईसी की जरूरत नहीं होगी। किसान रजिस्ट्री से किसानों की सत्यापन योग्यता स्थापित होती है। फार्मर रजिस्ट्री में पंजीकरण के बाद किसानों को पीएम सम्मान निधि की अगली किस्त का लाभ मिलेगा।

फार्मर रजिस्ट्री के बाद किसानों को एक डिजिटल पहचान पत्र यानि गोल्डन कार्ड मिलेगा। इससे बैंक से कर्ज, खाद, बीज, कृषि यंत्र लेना आसान हो जायेगा। किसानों को बार-बार खतौनी निकालने से निजात मिलेगी।

अभी तक 11 फीसदी का हुआ है फार्म रजिस्ट्री

किसान रजिस्ट्री करने को भारत सरकार ने 31 जनवरी तक लक्ष्य दिया है। इस तिथि तक 25 फ़ीसदी किसानों का गोल्डन कार्ड बनाना अनिवार्य है। प्रदेश सरकार से लेकर जिले स्तर पर इसकी आनलाइन मानिटरिंग की जा रही है।

हालांकि अभी तक 4.44 लाख का 11 फीसदी ही किसान रजिस्ट्री हुआ है। सर्वर पर लोढ़ अधिक होने से फार्मर रजिस्ट्री की रफ्तार सुस्त है। अधिकांश सहज जन सेवा केन्द्र वाले भोर में पोर्टल पर फार्म रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं।

फार्मर रजिस्ट्री कराने को एसडीएम ने किया है अपील

फार्मर रजिस्ट्री कराने पर शासन का काफी जोर है। शासन द्वारा नियमित इसकी समीक्षा की जा रही है। रूद्रपुर की एसडीएम श्रुति शर्मा व सलेमपुर एसडीएम दिशा श्रीवास्तव ने वीडियो जारी कर किसानों ने सहज जन सेवा केन्द्रों पर जाकर फार्मर रजिस्ट्री कराने की अपील की है। वहीं भाटपाररानी के एसडीएम रत्नेश तिवारी ने आडियो जारी कर फार्मर रजिस्ट्री कराने की अपील किया है। इसके लिए गांव-गांव प्रचार किया जा रहा है।

जिले के किसानों का फार्मर रजिस्ट्री करने की प्रक्रिया तेज हो गयी है। कुल 4.44 लाख किसानों का फार्मर रजिस्ट्री होना है। इसके लिए गांवों में कैम्प को लेखपाल, कृषि विभाग के कर्मियों तथा पंचायत सहायकों की ड्यूटी लगायी गयी है। किसान सहज जनसेवा केन्द्रों पर भी किसान रजिस्ट्री करा सकते हैं। अभी तक 11 फीसदी फार्मर रजिस्ट्री हुआ है। बिना फार्मर रजिस्ट्री के पीएम किसान सम्मान निधि की अगली किस्त रूक सकती है। फार्मर रजिस्ट्री को प्रेरित करने को ग्राम प्रधानों के साथ भी आनलाइन मिटिंग की गयी है।

- सुभाष मौर्य, उप कृषि निदेशक, देवरिया

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