हिंदी माध्यम की पुस्तक के लिए बीएसए को भेजा पत्र
Deoria News - रामपुर कारखाना में बच्चे हिंदी मीडियम की पुस्तकें मांग रहे हैं, लेकिन अधिकारी अंग्रेजी मीडियम की किताबें थोप रहे हैं। प्रधानाध्यापक इंदु तिवारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर हिंदी मीडियम की...

रामपुर कारखाना(देवरिया), हिन्दुस्तान टीम। बच्चे पढ़ने के लिए हिंदी मीडियम की पुस्तक की मांग कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी जबरन अंग्रेजी मीडियम की पुस्तक थोप रहे हैं। जबकि परिषदीय के बच्चे अंग्रेजी मीडियम की पुस्तकों को पढ़ने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। कंपोजिट विद्यालय रामपुर कारखाना की प्रधानाध्यापक इंदु तिवारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को हिंदी मीडियम की पुस्तक उपलब्ध कराने के लिए पत्र भेजा है। सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से मुकाबला करने के लिए प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019-20 में परिषदीय विद्यालयों में भी अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करने का फैसला किया। पढ़ाई की शुरुआत करने वाले बच्चों के लिए तो यह फैसला सही साबित हुआ।
लेकिन हिंदी माध्यम से पढ़कर छठवीं और सातवीं में पहुंचने वाले बच्चों के लिए फैसला कारगर साबित नहीं हुआ। सभी विषयों की किताबें अंग्रेजी माध्यम में होने से बच्चे स्कूल आने से कतरने लगे हैं। अध्यापकों के डोर टू डोर भ्रमण के दौरान अभिभावक बच्चों के लिए हिंदी माध्यम की पुस्तक उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं। रामपुर कारखाना के निवासी सीमा चौहान मनोज चौहान डुमरी के रोशन प्रजापति खटवारी आदि अभिभावकों का कहना है कि हिंदी मीडियम की पुस्तक उपलब्ध कराया जाए तो वह अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए जरूर भेजेंगे। अभिभावकों का कहना है कि बच्चे हिंदी मीडियम की पुस्तक पढ़ने में रुचि रखते हैं। जबरन अंग्रेजी माध्यम की पुस्तक देने से वह पढ़ाई से भाग रहे हैं। डायट परिसर स्थित कंपोजिट विद्यालय रामपुर कारखाना प्रधानाचार्य इंदु तिवारी ने 28 अप्रैल को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को एक पत्र भेजा। श्रीमती इंदु ने बच्चों की रुचि के अनुसार हिंदी माध्यम की पुस्तक उपलब्ध कराने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने में रुचि दिखाते हैं।
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