देवरिया शेल्टर होम केस में मिली बैड इंट्री छिपाकर कर रहे थे थानेदारी, डीआईजी को पता चला, जाने फिर क्या हुआ
देवरिया में मिली बैड इंट्री को बाबुओं की मिली भगत से छिपा कर थानेदारी कर रहे बेलीपार और हरपुर-बुदहट थाना प्रभारी को एसएसपी ने सोमवार को हटा दिया। शिकायत मिलने पर डीआईजी ने दोनों को हटाने को कहा...
देवरिया में मिली बैड इंट्री को बाबुओं की मिली भगत से छिपा कर थानेदारी कर रहे बेलीपार और हरपुर-बुदहट थाना प्रभारी को एसएसपी ने सोमवार को हटा दिया। शिकायत मिलने पर डीआईजी ने दोनों को हटाने को कहा था।
दोनों ने बाबुओं की मिलीभगत से अपने सर्विस बुक में बैड इंट्री दर्ज नहीं कराई थी। इस मामले में बाबुओं के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। डीआईजी ने देवरिया के बालिका गृह कांड में दंड पाने वाले 25 पुलिसकर्मियों की सजा माफ करने की अपील भी खारिज कर दी है।
वर्ष 2018 में हुए बालिका गृह कांड में देवरिया जिले में तैनात 25 पुलिसकर्मियों को बैड इंट्री मिली है। जिसमें कोतवाल प्रभातेष श्रीवास्तव, स्टेशन रोड चौकी इंचार्ज जटाशंकर, इंस्पेक्टर जेपी यादव, गौरीबाजार थानाध्यक्ष विजय सिंह गौर, लार थानाध्यक्ष विनय सिंह, एसपी कार्यालय में तैनात उप निरीक्षक भूपेंद्र सिंह, भटनी के प्रभारी निरीक्षक भीष्मपाल सिंह के साथ ही गैर जनपद ट्रांसफर हुए इंस्पेक्टर विजय नारायण, चंद्रिका प्रसाद जैसल का नाम शामिल था। इस प्रकरण की जांच सीबीआई कर रही है। बैड इंट्री के बाद इंस्पेक्टर और दारोगा को थाना और चौकी का चार्ज नहीं मिलता है।
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