DDU आवासों में एसी-ब्लोअर अनलिमिटेड यूज के दिन गए, यूनिवर्सिटी नहीं; अब बिजली विभाग वसूलेगा बिल
- डीडीयू में शिक्षकों-कर्मचारियों के करीब पौने तीन सौ आवास हैं। अपनी व्यवस्था से डीडीयू प्रशासन वहां बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करता है। बिजली का बिल DDU प्रशासन वेतन से ही काट लेता है। न्यूनतम सौ यूनिट और चार्ज 945 रुपये है। सौ से अधिक यूनिट पर उस हिसाब से बिल देना होता है।

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) के शिक्षक और कर्मचारी अपने लिए आवंटित आवासों में अब एसी और ब्लोअर का ‘अनलिमिटेड’ मजा नहीं ले पाएंगे। एसी को भी अब मीटर से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा बिजली का बिल भी विश्वविद्यालय प्रशासन नहीं वसूलेगा, बल्कि बिजली विभाग नए सिरे से कनेक्शन जोड़कर मीटर लगाएगा। इसे लेकर कवायद शुरू हो गई है।
डीडीयू में शिक्षकों-कर्मचारियों के करीब पौने तीन सौ आवास हैं। अपनी व्यवस्था से डीडीयू प्रशासन वहां विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करता है। बिजली का बिल डीडीयू प्रशासन वेतन से ही काट लेता है। न्यूनतम सौ यूनिट और चार्ज 945 रुपये है। सौ से अधिक यूनिट पर उस हिसाब से बिल देना होता है।
इसके अलावा एसी को मीटर से नहीं जोड़ा गया है। प्रति एसी 1520 रुपये डीडीयू प्रशासन किराया वसूल करता है। एक साल पहले तक एक एसी पर 500, दो एसी पर 1500 और तीन एसी पर 2500 रुपये का शुल्क लगता था। अप्रैल में ही शुल्क बढ़ा था। आवासों में सर्दी के दिनों में एसी का कनेक्शन निकालकर ब्लोअर जोड़ दिया जाता है। अब यह व्यवस्था खत्म होगी। आवासों में बिजली विभाग के माध्यम से कनेक्शन जुड़ेंगे।
वित्त समिति ने स्वीकृत किए एक करोड़
डीडीयू की वित्त समिति ने भी नई व्यवस्था को मंजूरी दे दी है। इसके तहत करीब 1 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इससे बिजली विभाग सभी चार आवासीय क्षेत्रों में क्षमता के अनुसार ट्रांसफर लगाएगा। खंभे व तार भी सभी आवासीय परिसरों में लगेंगे। सभी आवासों में स्मार्ट मीटर लगेंगे।
कुलाधिपति सचिवालय से था आदेश
बताते हैं कि शिक्षकों-कर्मचारियों के आवासों का कनेक्शन बिजली विभाग की तरफ से जोड़े जाने को लेकर राजभवन सचिवालय ने पत्र लिखा था। इसे देखते हुए डीडीयू प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। उससे पहले ऑडिट में भी बिजली बिल कम होने का उल्लेख किया गया था, जिसके बाद पिछले वर्ष शुल्क बढ़ाया गया था।
लो वोल्टेज की समस्या से मिलेगी निजात
डीडीयू में कुल चार आवासीय क्षेत्र हैं। हीरापुरी कॉलोनी, प्रोफेसर्स कॉलोनी, मुंशी कॉलोनी और याक्ची कंपाउंड। अधिक लोड होने के कारण इन सभी क्षेत्रों में लो वोल्टेज की समस्या रहती है। अब क्षमता का आकलन कर ट्रांसफार्मर लगने से लो वोल्टेज की समस्या से भी निजात मिलेगी।
बिजली की भी होगी बचत
एसी का इस्तेमाल हो या न हो, बिल फिक्स होता था। यह आरोप अक्सर लगते रहते हैं, कि कुछ लोग आवास में नहीं रहने पर भी अपनी एसी चलती हुई छोड़कर चले जाते थे। इससे डीडीयू पर बिजली बिल का लोड पड़ता था।
क्या बोले कुलपति
डीडीयू के कुलपति प्रो.पूनम टंडन ने बताया कि आवासों का बिजली कनेक्शन विश्वविद्यालय से काटा जाएगा। अब बिजली विभाग के माध्यम से कनेक्शन दिए जाएंगे। बिल भी अब बिजली विभाग को जमा करना होगा। बिजली विभाग से कनेक्शन के लिए वित्त समिति ने करीब एक करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है।
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