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शादी से पहले घोड़ी पर बिठाकर सड़क पर क्यों घुमाई गई लड़की? बैंडबाजे संग नाचते-गाते दिखा परिवार

  • जस्थान सहित देश के कई हिस्सों में शादियों के दौरान बिंदौरी की रस्में निभाई जाती है। इस रस्म में लड़का घोड़ी पर बैठता है और किसी एक स्थान से नगर या गांव के विभिन्न मार्गों से होकर उसकी बिंदौरी निकली जाती है।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, महराजगंजFri, 6 Dec 2024 05:38 PM
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यूपी के महाराजगंज की सड़कों पर एक ऐसा नजारा देखने को मिला जो चर्चा का विषय बन गया। देखने वाले देखते ही रह गए। दरअसल राजस्थान सहित देश के कई हिस्सों में शादियों के दौरान बिंदौरी की रस्में निभाई जाती है। इस रस्म में लड़का घोड़ी पर बैठता है और किसी एक स्थान से नगर या गांव के विभिन्न मार्गों से होकर उसकी बिंदौरी निकली जाती है। यही रस्म महराजगंज के सिसवा नगर में मारवाड़ी समाज ने निभाई। इस बिंदौरी की नगर में खूब चर्चाएं हो रही हैं।

सिसवा कस्बे में मारवाड़ी समाज ने इस पहल की शुरुआत की है। सिसवा नगर के चित्रगुप्त नगर वार्ड निवासी सज्जन अग्रवाल ने अपनी बेटी को घोड़ी पर बिठाकर बिंदौरी निकाली। उन्होंने समाज में बेटा-बेटी एक समान का संदेश देकर घोड़ी पर बिटिया निधि अग्रवाल को बैठाकर नगर भ्रमण कराया। शादी-विवाह में शिरकत करने पहुंचे रिश्तेदारों ने भी बिटिया की बिंदौरी में डीजे व बैंडबाजे की धुन पर नाचते-गाते उत्साह के साथ बिंदौरी निकाली।

अब बेटों के साथ बेटियों को भी घोड़ी पर बिठा निकालते हैं बिंदौरी

सिसवा कस्बे के कपड़ा व्यवसायी बाबूलाल अग्रवाल ने बताया कि श्रीगंगानगर जिले को 1994 में विभाजित कर हनुमानजी और फिर 2023 में बांटकर अनूपगढ़ जिला बनाया गया था। भौगोलिक रूप से पंजाब से सटा यह इलाका भले ही तीन जिलों में बंटा है, मगर यहां लोगों की सोच एक जैसी है। विवाह के समय घोड़ी पर बैठना केवल पुरुषों का ही अधिकार माना जाता रहा है और अब तक किसी भी समाज ने बेटियों को घोड़ी चढ़ने का हक नहीं दिया है। लेकिन अब वहां के इलाके में दलित हों या फिर सवर्ण, सभी बिरादरी के लोग अपने बेटों के साथ-साथ बेटियों को भी घोड़ी पर बैठा कर बिंदौरी निकालते हैं।

म्हारी छोरियां किसी छोरों से कम नहीं...

समाज के लोगों का कहना है कि आज के इस युग में बेटियां बेटों से किसी भी कार्य में पीछे नहीं हैं। हमें इस भेदभाव के रिश्ते को हमेशा के लिए समाप्त कर देना है, क्योंकि म्हारी छोरियां किसी छोरों से कम नहीं हैं। इस कार्यक्रम में मारवाड़ी समाज के महेंद्र अग्रवाल, कपिल सुरेका, शिव अग्रवाल, विपिन अग्रवाल, डॉ. विकास अग्रवाल, सोनाली भालोटिया, मोहित अग्रवाल, विशाखा अग्रवाल, नेहा अग्रवाल, प्रगति शर्मा, सीमा सोंथालिया, उड़ीसा मुखर्जी, काजल जायसवाल, राजकुमार जायसवाल सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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