जालसाजों ने SGST के डिप्टी कमिश्नर को भी नहीं बख्शा, सिम एक्टिवेट कराने के नाम पर 7.37 लाख का लगाया चूना
- साइबर ठगों ने एसजीएसटी के डिप्टी कमिश्नर को चूना लगा दिया। उनसे सिम एक्टिवेट कराने के नाम पर 7.37 लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने उनका मोबाइल हैक कर तीन दिनों के लिए बंद करके कारनामा किया।

कानपुर में साइबर ठगों ने एसजीएसटी के डिप्टी कमिश्नर को चूना लगा दिया। उनसे सिम एक्टिवेट कराने के नाम पर 7.37 लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने उनका मोबाइल हैक कर तीन दिनों के लिए बंद करके कारनामा किया। शंका होने पर बैंक पहुंचकर जांच की तो ठगी की जानकारी हुई। साइबर सेल ने बैंक खातों को सीज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
एसजीएसटी में तैनात डिप्टी कमिश्नर राजकुमार के मुताबिक पिछले साल 14 नवंबर को गाजियाबाद जा रहे थे। इस दौरान उनके मोबाइल पर जियो कस्टमर केयर के नाम से रात आठ बजे फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि आपका सिम एक्टिवेट होना है। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि अभी नहीं कराना है। इस पर फोन करने वाले ने कहा कि एक्टिवेट नहीं कराया तो 24 घंटे में फोन बंद हो जाएगा। इसके लिए लिंक भेजा गया और कहा गया कि आप ओटीपी जेनरेट कर लीजिए। लिंक पर क्लिक करते ही ओटीपी आया। फोन करने वाले के पूछने पर उन्होंने ओटीपी बता दिया। इसके बाद फोन हैक हो गया लेकिन वह समझ नहीं सके। फोन अपने आप खुल और बंद हो रहा था। उन्होंने बताया कि मोबाइल पर मैसेज और कॉल आना भी बंद हो गई। ऐसा लग रहा था कि मोबाइल मैं नहीं, बल्कि कोई और चला रहा है। जब भी कुछ करने की कोशिश करता तो दूसरी विंडो खुल जाती थी।
20-25 दिन का लग गया वक्त
फोन की स्थिति गड़बड़ होने के बाद भी उन्हें ठगी जैसी आशंका नहीं थी। 15 नवंबर को गुरुनानक जयंती और 16 को शनिवार और 17 को रविवार था। दूसरे मोबाइल से 18 नंवबर को कॉल सेंटर पर फोन किया तो कस्टमर केयर से जवाब मिला नया सिम जारी करा लीजिए। हो सकता है पुराने सिम में कोई समस्या हो। वह नया सिम लेने गए तो पता चला कि आधार कार्ड वाले नंबर पर ओटीपी आएगा लेकिन फोन ही डेड था। उस पर कोई मैसेज नहीं आ रहा था। जिसके बाद वह आधार सेवा केंद्र पहुंचे और वहां मोबाइल नंबर बदलने का प्रार्थना पत्र दिया। नंबर अपडेट होने में 20 से 25 दिन का वक्त लग गया। नया सिम जारी होने के बाद वह खाते की जानकारी करने बैंक पहुंचे। वहां पता चला कि 15 से 17 नवंबर के बीच खाते से 7.37 लाख रुपये निकाल लिए गए जिसके बाद साइबर थाने में तहरीर दी।
इस मामले में साइबर सेल के इंस्पेक्टर सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। जिन खातों में पैसा भेजा गया था, उन्हें फ्रीज करवा दिया गया है। ठगी के रुपये बरामदगी के साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास हो रहे हैं।