अमरमणि त्रिपाठी के मामले में अधूरी रिपोर्ट पर कोर्ट नाराज, पुलिस को पांच नवंबर तक की मोहलत
बस्ती में विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट और अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार गिरी की अदालत ने पूर्वमंत्री अमरमणि त्रिपाठी प्रकरण में कुर्की कुलिंदा की अधूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर नाराजगी व्यक्त की है।
बस्ती में विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट और अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार गिरी की अदालत ने पूर्वमंत्री अमरमणि त्रिपाठी प्रकरण में कुर्की कुलिंदा की अधूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर नाराजगी व्यक्त की है। कोर्ट ने शहर कोतवाल को पांच नवम्बर तक की मोहलत दी है। अदालत ने कोतवाल को नोटिस जारी कर शुक्रवार को तलब किया था।
बहुचर्चित व्यवसायी पुत्र राहुल मद्धेशिया अपहरण के मामले में अदालत ने अभियुक्त अमरमणि त्रिपाठी को फरार घोषित करते हुए उनकी चल व अचल संपत्ति की कुकी कर कुर्की-कुलिंदा अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
कोतवाली पुलिस ने इस संबंध में 15 अक्तूबर को अदालत को सूचित किया था कि अमरमणि त्रिपाठी निवासी हुमायूंपुर दक्षिणी, थाना कोतवाली जनपद गोरखपुर की संपत्तियों की कुर्की का तामीला नियमानुसार कराया जा चुका है।
अदालत में प्रस्तुत पत्रावली में अमरमणि की जनपद महाराजगंज व लखनऊ में मौजूद संपत्तियों की कुर्की के बाबत मात्र रिपोर्ट ही प्रस्तुत की गई है। अभी तक कुर्की-कुलिंदा अर्थात कुर्क की गई संपत्ति की सूची पत्रावली में शामिल नहीं है।
अदालत ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह आपत्तिजनक तथा कर्तव्य के प्रति उदासीनता, उपेक्षा एवं दुराचरण का परिचायक है। अदालत ने कोतवाल को कुर्की-कुलिंदा प्रस्तुत नहीं करने के संबंध में कारण दर्शाते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। अन्यथा की दशा में प्रकीर्ण वाद संस्थित करके कठोर दंडात्मक कार्रवाई प्रचलित की जाएगी।
शुक्रवार को कोतवाल अदालत में हाजिर हुए और अदालत को बताया कि न्यायालय के आदेश के अनुपालन में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार की ओर से सहवन त्रुटि की गई है, जिसके लिए वह क्षमा चाहते हैं। कुर्की-कुलिंदा तैयार करने के लिए दो टीमें महाराजगंज और लखनऊ रवाना की गई हैं। पूर्व में प्रेषित अधूरी रिपोर्ट के लिए प्रभारी निरीक्षक ने क्षमा याचना की। अदालत ने प्रभारी निरीक्षक को एक और अवसर प्रदान किया है।