Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़country s widest rail road bridge will be built in Varanasi a big gift from PM Modi s cabinet to Kashi

वाराणसी में बनेगा देश का सबसे चौड़ा रेल-रोड पुल, पीएम मोदी की काशी को कैबिनेट की बड़ी सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काशी को बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने बड़ी सौगात दी है। वाराणसी में गंगा पर देश का सबसे चौड़ा रेल और रोड पुल बनाया जाएगा।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानWed, 16 Oct 2024 06:09 PM
share Share

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा पर देश का सबसे चौड़ा रेल और रोड पुल बनाया जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को इसकी मंजूरी दे दी। गंगा पर 137 साल पुराने मालवीय पुल के ठीक बगल में बनने वाले इस पुल पर ऊपर छह लेन की सड़क और नीचे चार लाइन का रेल ट्रैक होगा। पीएम मोदी इसी रविवार वाराणसी को अरबों की सौगाात देने भी आ रहे हैं। माना जा रहा है कि इस दौरान पुल का शिलान्यास भी हो सकता है। इस पुल के बनने से यूपी से बिहार और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में रेल और सड़क मार्ग से आवागमन आसान और किफायती हो जाएगा।

करीब 2642 करोड़ की लागत से बनने वाले नए पुल से हर साल 8 करोड़ लीटर डीजल यानी 638 करोड़ रुपये की भी बचत होगी। अभी चंदौली से वाराणसी आने वाले बड़े वाहनों को 137 साल पुराने मालवीय पुल पर चढ़ना प्रतिबंधित है। ऐसे में इन वाहनों को डाफी बाइपास से आना होता है। इससे समय और ज्यादा डीजल खर्च करना होता है।

वाराणसी में बनेगा देश का सबसे चौड़ा रोड और रेल ब्रिज

काशी स्टेशन के पास से शुरू होने वाले पुल के बनने से एक साथ यहां पर चार तरह की पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। काशी स्टेशन के ठीक बगल में ही नमो घाट के पास गंगा पर फेरी सर्विस, हेली सेवा, रोपे-वे और रोड ट्रांसपोर्ट की सेवा एक ही स्थान पर मिल सकेगी। यहीं पर विश्व का सबसे बड़ा पानी पर तैरता सीएनजी स्टेशन भी पहले से स्थापित है। नए प्रोजेक्ट के लिए रेलवे, पीडब्लूडी, नगर निगम, जल-कल सभी की एनओसी पहले ही मिल चुकी है।

चार साल में होगा तैयार

पुल के बारे में जानकारी देते हुए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपनी प्रजेंटेशन में बताया कि इसका डीपीआर भी फाइनल हो गया है। चार लेन का रेलवे ट्रैक और सिक्सलेन की ऊपर सड़क का ब्लू प्रिंट भी साझा किया। रेलमंत्री ने बताया कि आने वाले 100 साल पहले की रेलवे और सड़क यातायात व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इस सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। इसे 2028 यानी चार साल में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।

अपने प्रजेंटेशन में उन्होंने बताया कि 137 साल पुराने मालवीय पुल के 50 मीटर सामानांतर बनने वाले सिग्नेचर ब्रिज से काशी, चंदौली, बिहार, एमपी और छत्तीसगढ़ का जुड़ाव होगा। चारों दिशाओं में परिवहन को रफ्तार मिलेगी।

150 साल के लिए बना है डिजाइन

150 साल के लिए सिग्नेचर ब्रिज को डिजाइन किया गया है। सिग्नेचर ब्रिज निर्माण के दौरान जो फाउंडेशन होगा, वह नदी के सतह से 120 फीट गहरा होगा। उसके ऊपर पीलर और फिर ब्रिज होगा। यह इकोनिक स्ट्रक्चर बनेगा।

एक किलोमीटर से ज्यादा लंबाई

उन्होंने बताया-काशी स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार से यह ब्रिज नजदीक होगा। नमो घाट से सटे हुए इस पुल के लिए जलमार्ग, रेलवे, सड़क और वायु मार्ग का भोगौलिक परीक्षण हुआ है। यह पुल एक किलोमीटर से थोड़ा अधिक लंबा होगा।

अगला लेखऐप पर पढ़ें