अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अक्तूबर 2025 तक भी पूरा नहीं होगा, इस वजह से नई तारीख आई
अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य अक्तूबर 2025 तक भी पूरा नहीं हो सकेगा। तीर्थ क्षेत्र ने मान लिया कि मूल मंदिर के सुपर स्ट्रक्चर का निर्माण निर्धारित समय के अनुसार भले हो गया है। आगे के निर्माण में समय के निर्धारण के बावजूद बार-बार समय बढ़ना पड़ रहा है।
अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य अक्तूबर 2025 तक भी पूरा नहीं हो सकेगा। श्रीरामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन परियोजनाओं की परिस्थितियों को भांपते हुए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने मान लिया कि मूल मंदिर के सुपर स्ट्रक्चर का निर्माण निर्धारित समय के अनुसार भले हो गया है। आगे के निर्माण में समय के निर्धारण के बावजूद बार-बार समय बढ़ना पड़ रहा है। इसकी मुख्य वजह श्रमिकों की कमी के अलावा प्राकृतिक अवरोध है। इन दोनों पर किसी निर्माण एजेंसी का नियंत्रण नहीं है। ऐसी स्थिति में अक्तूबर 2025 की समयसीमा को एक बार फिर अंतिम रूप से दिसम्बर 2025 मान लिया गया है।
तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने स्वयं इस बात का अंदेशा जताया है कि सभी निर्माण कार्य दिसम्बर 2025 से पहले पूरा होने की संभावना नहीं है। उन्होंने माना कि जहां एक समय एक साथ चार हजार श्रमिक कार्यरत थे, वहां अब श्रमिकों की संख्या दो हजार में सीमित हो गई है। उन्होंने बताया कि 2025 के अंत तक परिसर में राम दरबार व 18 मंदिर बनकर तैयार हो जाएंगे।
इनमें मंदिर के चारों ओर दक्षिण-पश्चिम कोने पर भगवान सूर्य, पश्चिम- उत्तर में भगवती, उत्तर-पूर्व भगवान शंकर, उत्तर-पश्चिम में गणपति मंदिर, दक्षिण भुजा के बीच हनुमान जी एवं उत्तरी भुजा के बीच में माता अन्नपूर्णा का मंदिर शामिल हैं।
इसी तरह से शेषावतार के रूप में लक्ष्मण मंदिर, महर्षि विश्वामित्र व महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष व महर्षि अगस्त को समर्पित एक मंदिर स्थापित होंगे। इसके अलावा माता शबरी, माता अहिल्या और निषाद राज के अतिरिक्त गोस्वामी तुलसीदास जी के मंदिर भी शामिल हैं।
रामकथा संग्रहालय को एक साल में मिल जाएगा अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप
तीर्थ क्षेत्र महासचिव के अनुसार इन सभी मंदिरों में लगभग 60 से 70% के कार्य पूर्ण हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में चार द्वार बनाए जाएंगे। इसके अलावा ऑडिटोरियम, विश्राम गृह और ट्रस्ट का कार्यालय भी बनाया जाएगा। बताया गया कि प्रस्तावित परियोजनाओं से सम्बन्धित औपचारिकता पूरी की जा चुकी है और निर्माण एजेंसी का भी निर्णय लिया जा चुका है।
बताया गया कि कार्यदाई संस्था की ओर से चार द्वार में से एक उत्तरी प्रवेश द्वार का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि राम कथा संग्रहालय का पुनर्निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह निर्माण भी एक वर्ष में पूरा हो जाएगा और संग्रहालय को अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप प्राप्त हो जाएगा ।
सुरक्षा मानकों पर राम मंदिर खरा उतरा
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने बताया कि ब्रिटेन की एक सुरक्षा टीम भारत पहुंची थी, जिसने पांच स्थानों का भ्रमण किया। इस टीम ने सुरक्षा के मानकों की दृष्टि से अयोध्या राम मन्दिर को पांच सितारा की श्रेणी में शामिल कर प्रथम स्थान प्रदान किया । टीम की रिपोर्ट में इसे सर्वोत्तम मानकों वाला बताया गया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 से शुरू हुए निर्माण के दौरान किसी भी प्रकार की घटना नहीं हुई, जिसमें कोई जनहानि हुई हो। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार देश और राम मंदिर परिसर के लिए उल्लेखनीय है।