फर्जी प्रमाणपत्र पर सिपाही करता रहा नौकरी, भांडा फूटते देख ले लिया वीआरएस, FIR
यूपी के एक युवक ने पुलिस महकमे में नौकरी हासिल करने के लिये अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण त्र बनवाया और उसी के सहारे सिपाही की नौकरी हासिल कर ली। भांडा फूटते देख दीवान ने नौकरी से वीआरएस ले लिया। मामले में केस दर्ज कर लिया गया है।
यूपी में ससुराल में रह रहे यादव बिरादरी के युवक ने फर्जी तरीके से अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र बनवाया। इसी के सहारे सिपाही की नौकरी से प्रोन्नति पाकर दीवान बन गया। इसी बीच उसके कुछ नाराज परिजनों ने इस फर्जीवाड़े की पुलिस महकमे के उच्चाधिकारियों से शिकायत कर दी। भांडा फूटते देख दीवान ने नौकरी से वीआरएस ले लिया। इस मामले में रिसिया थाने मे दीवान के विरुद्ध धोखाधड़ी की धाराओं के तहत केस दर्ज कराया है।
गोरखपुर जिले के खजनी थाने के सियर जैतपुर निवासी जगन्नाथ प्रसाद पुत्र जीते अपनी ससुराल संतकबीर नगर के थाने महुली के हरगड्डी गांव में बस गया। पुलिस महकमे में नौकरी हासिल करने के लिये अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण त्र बनवाया और उसी के सहारे सिपाही की नौकरी हासिल कर ली। सिपाही लम्बे अंतराल तक विभिन्न जिलों में तैनात रहा औऱ अंत में प्रोन्नति पाकर बतौर हेड कॉन्स्टेबल रिसिया थाने में तैनात हो गया। इस बीच ससुराल में किसी बात को लेकर नाराज बिरादरी के पांच लोगों भेद खोलना शुरू कर दिया।
ससुराल के विरोधियों की पैरवी की भनक लगते ही हेड कॉन्स्टेबल जगन्नाथ ने बीआरएस ले लिया। प्रकरण पुलिस कप्तान के संज्ञान में आने के बाद हेड कॉन्स्टेबल के विरूद्ध रिसिया थाने में जालसाजी व धोखाधड़ी आदि की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया। दर्ज केस में राम दरश यादव , दयाराम यादव समेत पांच यादव बिरादरी के लोगों ने कहा कि यादव जाति के जगन्नाथ ने ससुराल के परिवार रजिस्टर में सोनमती पत्नी श्रीराम के परिवार में अपना,पत्नी व बच्चों का नाम दर्ज कराकर यादव से अनुसूचित जाति का बन गया।