Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Congress leader Ajay Rai started Indira Fellowship program

अजय राय ने की इंदिरा फेलोशिप कार्यक्रम की शुरुआत, बोले- राजनीति में बढ़ेगी महिलाओं की भागीदारी

  • कांग्रेस नेता अजय राय ने शुक्रवार को इंदिरा फेलोशिप कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी राजनीति में महिलाओं की भादीगारी बढ़ाने की पक्षधर है।

Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 4 Oct 2024 10:45 PM
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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अजय राय ने शुक्रवार को इंदिरा फेलोशिप कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि पार्टी राजनीति में महिलाओं की भादीगारी बढ़ाने की पक्षधर है। इस कार्यक्रम से महिलाओं में नेतृत्व क्षमता विकास होगा और आधी आबादी राजनीतिक क्षेत्र में सशक्त बनेगी।

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में अजय राय ने पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह, मीडिया विभाग के चेयरमैन डॉ. सीपी राय, वाइस चेयरमैन मनीष हिंदवी, प्रदेश प्रवक्ता डॉ. अलीमुल्लाह खान, प्रियंका गुप्ता, डॉ. सुधा मिश्रा, शुचि विश्वास, इंदिरा फेलोशिप कार्यक्रम के प्रदेश कोऑर्डिनेटर धनंजय सिंह, महिला कांग्रेस की प्रदेश सचिव अनामिका याद व जिला महासचिव मंजू दीप रावत के साथ ‘शक्ति अभियान’ के तहत ‘आधी आबाद पूरा हक’ का संकल्प जताया। उन्होंने कहा कि इंदिरा फेलोशिप कार्यक्रम पार्टी की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की स्मृति में महिलाओं को राजनीतिक क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिए शुरू किया गया है। महज एक वर्ष में 300 से अधिक फेलो ने 28 राज्यों और 350 ब्लॉकों में 4300 शक्ति क्लब स्थापित किए हैं। इनमें 31000 सदस्य शामिल हैं, जो शक्ति अभियान की स्थापना और संचालन का प्रमुख केंद्र बन चुके हैं।

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यूपी कानून-व्यवस्था ध्वस्त

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यूपी में आज कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। अमेठी में पूरे परिवार की नृशंस हत्या डर पैदा करती है। राजनीति में मुझे 32 वर्ष हो गए लेकिन पहली बार देख रहा हूं कि डेढ़ वर्ष की बच्ची की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। सरकार अपनी नाकामियां छिपाने के लिए लगातार नफरत और तोड़ने की सियासत कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बहराइच में आम लोगों के मकान गिराए गए वह किसी भी प्रदेश के लिए शर्म की बात है। लखीमपुर खीरी के विधायक योगेश वर्मा को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि जब एक विधायक सार्वजनिक मंचों से इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करता है तो वह समाज में क्या संदेश देना चाहता है?

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