Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़CM Yogi Adityanath tribal community source inspiration for sacrifice loyalty and bravery towards motherland

मातृभूमि के प्रति त्याग, निष्ठा और वीरता का प्रेरणा स्रोत है जनजातीय समुदाय: योगी आदित्यनाथ

  • मुख्यमंत्री ने जनजातीय समुदाय को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा, ''थारू, कोल, चेरु, गोंड, बुक्सा जैसे जनजातीय समुदायों के लिए 'सैचुरेशन' योजना के माध्यम से हर जरूरतमंद तक सरकारी लाभ पहुंचाने का अभियान जारी है।

Dinesh Rathour लखनऊ, भाषाFri, 15 Nov 2024 03:56 PM
share Share

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनजातीय समाज की गौरवपूर्ण संस्कृति और उनकी मातृभूमि के प्रति अपार निष्ठा को सम्मान देते हुए भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 'जनजातीय गौरव दिवस' पर अंतरराष्ट्रीय जनजातीय भागीदारी उत्सव की शुरुआत की। यह उत्सव राज्य की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित संगीत नाटक अकादमी में 15 से 20 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें भारत के 22 राज्यों के साथ-साथ स्लोवाकिया और वियतनाम से भी कलाकार भाग ले रहे हैं। एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय समुदाय मातृभूमि के प्रति त्याग, निष्ठा और वीरता का प्रेरणा स्रोत है।

उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज न केवल भारत का मूल संप्रदाय है, बल्कि यह समुदाय मातृभूमि के प्रति उच्च भाव से प्रेरित होकर देश की सेवा में सदैव तत्पर रहा है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश पर विदेशी सत्ता का शिकंजा था, तब भगवान बिरसा मुंडा ने अपने समुदाय के अधिकारों की रक्षा और स्वाधीनता के लिए संघर्ष किया। उन्होंने 15 नवंबर को 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान को देशभर में सम्मान देने का महत्वपूर्ण कदम है। सरकार ने 2021 में मुंडा की जयंती को 'जनजातीय गौरव दिवस' के तौर पर मनाने की घोषणा की थी।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस उत्सव के माध्यम से देश और प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आए जनजातीय समुदाय के लोग अपनी कला और परंपरा को प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने जनजातीय समाज के सशक्तीकरण की दिशा में अपनी सरकार के प्रयासों पर बल देते हुए कहा, ''2017 में प्रदेश में सरकार बनने के बाद उन्होंने जनजातीय समुदाय की आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी, क्योंकि पूर्ववर्ती सरकारों में यह समाज विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित था। मुख्यमंत्री ने जनजातीय समुदाय को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा, ''थारू, कोल, चेरु, गोंड, बुक्सा जैसे जनजातीय समुदायों के लिए 'सैचुरेशन' योजना के माध्यम से हर जरूरतमंद तक सरकारी लाभ पहुंचाने का अभियान जारी है।'' उन्होंने बताया कि जनजातीय समुदाय को प्रधानमंत्री आवास योजना, हर घर शौचालय, घरेलू गैस कनेक्शन, वृद्धावस्था पेंशन, महिला पेंशन और दिव्यांगजन पेंशन जैसी योजनाओं से आच्छादित किया गया है।

योगी ने जनजातीय समाज की संस्कृति और परंपरा के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि जनजातीय समुदाय की कला, परंपरा और उनकी विरासत को संरक्षित करने के लिए संग्रहालयों का निर्माण किया जा रहा है। बलरामपुर में थारू जनजाति की संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संग्रहालय बनाया गया है, जिसका उन्होंने खुद दौरा किया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ''जनजातीय समुदाय ने विपरीत परिस्थितियों में भी देश की प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा की है। उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में जनजातीय समुदाय का निवास है, जिसमें सोनभद्र का विशेष महत्व है।'' इससे पहले, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने आदिवासी महापुरुष और क्रांतिकारी बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने झारखंड के लोगों को राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर बधाई भी दी।

योगी आदित्यनाथ ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''स्वाधीनता संग्राम के अमर महानायक, अरण्य संस्कृति और जनजातीय अस्मिता के उन्नायक, मातृभूमि और 'जल-जंगल-जमीन' की रक्षा हेतु संघर्ष की सीख देने वाले महान क्रांतिवीर 'धरती आबा' भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन ! माँ भारती की सेवा, सम्मान और रक्षा हेतु समर्पित महान जनजातीय विभूतियों के पावन स्मरण दिवस 'जनजातीय गौरव दिवस' की प्रदेश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं ! जय जोहार...।

झारखंड के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए आदित्यनाथ ने कहा, ''प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण भगवान बिरसा मुंडा की महान तपोभूमि, वीर बलिदानियों की पावन धरा एवं आध्यात्मिक व ऐतिहासिक धरोहरों की अतुल्य वसुधा झारखण्ड राज्य के स्थापना दिवस की झारखंड वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! जय जोहार...।'' मुंडा का जन्म 1875 में अविभाजित बिहार के आदिवासी क्षेत्र उलिहातू में हुआ था। उन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन और धर्मांतरण गतिविधियों के खिलाफ आदिवासियों को लामबंद किया था । आज ही के दिन यानी 15 नवंबर 2000 को झारखंड की स्थापना हुई थी। यह राज्य बिरसा मुंडा के जन्मदिवस पर गठित किया गया था।

अगला लेखऐप पर पढ़ें